Book Title: Mumukshu Nitya Karma
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 10
________________ ८ आत्मज्ञान जणाई, राजयोगनो अनुभव थवा मांडे छे, त्यार पछी व्यवहारिक कार्यो करवामां पडवं; पण ते कार्यना संबंधमा आवेला मनुष्य प्राणीओ साथे निचे प्रमाणे वर्तवु. १ जेटलुं तारा धंधाना संबंधमा कार्य करवानुं होय तेटलुंज करवुं, पण ते विना निरुपयोगी वातनो विचार पण करवो नहीं; तेने माटे कांइपण कार्य कर्यानी पूर्वे विचार करजे, ते काम करवाने तुं बंधायो छे के नहीं.

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