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राजस्थान जैन सभा जयपुर
संक्षिप्त परिचय
राजस्थान जैन सभा जयपुर जैन समाज का एक मात्र ऐसा प्रतिनिधि संगठन है जो जैन समाज के सभी वर्गों को संगठित कर उसके सर्वागीण विकास में सतत प्रयत्नशील है। लगभग 25 वर्ष पूर्व दिनांक 16 अक्टूबर 1953 को समाज के जागरूक नवयुवकों ने आपसी मतभेदों को मिटाकर, संस्थाओं के नाम एवं पदों का मोह त्याग कर राजस्थान जैन सभा की स्थापना की थी । यह वर्ष सभा का रजत जयन्ती वर्ष है ।
विशुद्ध धार्मिक एवं सैद्धान्तिक मान्यताओं को प्रधानता देकर वास्तविक धर्म का मर्म समझाते हुए जैन समाज की साहित्यिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक, सामाजिक एवं प्रार्थिक उन्नति के हेतु श्रावश्यक कार्य करना ही सभा का एक मात्र लक्ष्य है । इन लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सभा का स्वयं का एक संविधान है जो राजस्थान सोसाइटीज एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत है ।
जनमानस को धर्म एवं कर्त्तव्य की ओर आकृष्ट करने की दृष्टि से पर्युषण पर्व, क्षमापन समारोह, महावीर जयन्ती समारोह तथा निर्वारर्णोत्सव पर विशेष समारोह तथा समय-समय पर व्याख्यानोंप्रवचनों के आयोजन एवं साहित्य प्रकाशन सभा की मुख्य गतिविधियां रही हैं ।
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गत वर्ष में किये गये कार्यों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :
(अ) समारोह :
बाबूलाल सेठी मंत्री
राजस्थान जैन सभा
(1) महावीर जयन्ती समारोह :
समस्त जैन समाज के सहयोग से यह समारोह 26 मार्च, 1977 से 2 अप्रैल 77 तक निम्न कार्यक्रमों के रूप में मनाया गया :
26 मार्च, 1977 को प्रातः सी स्कीम स्थित महावीर स्कूल के प्रांगण में 'भगवान महावीर की देन' विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता आयोजित को गई जिसमें श्री जिनेन्द्रकुमार सेठी प्रथम तथा संजय जसौरिया द्वितीय रहे। श्री नासिर हुसैन खां का प्रयास भी प्रशंसनीय रहा ।
30 मार्च, 77 की रात्रि को बड़े दीवानजी के मंदिर में भजन संगीत संध्या का आयोजन श्री तेजकरण जी सा. इंडिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। श्री राजरूपजी सा. टांक विशेष अतिथि थे । विभिन्न संस्थानों के सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों ने श्रध्यात्मिक भजन एवं गीत प्रस्तुत किये ।
31 मार्च, 77 की रात्रि को आत्मानन्द सभा भवन में 'जीवन और अहिंसा' विषय पर भाषण
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