Book Title: Mahavir ya Mahavinash
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rajnish Foundation

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Page 223
________________ दरिया कानों सुनी सो झूठ सब अमी झरत बिगसत कंवल दरिया कहै सब्द निरबाना (दरियादास बिहारवाले) गुरु-परताप साध की संगति (भीखा) मन ही पूजा मन ही धूप (रैदास) झरत दसहं दिस मोती (गुलाल) सुंदरदास हरि बोलौ हरि बोल ज्योति से ज्योति जले बाउल संत प्रेम योग आनंद योग धरमदास जस पनिहार धरे सिर गागर का सोवै दिन रैन दादू झेन, सूफी और उपनिषद की कहानियां बिन बाती बिन तेल सहज समाधि भली दीया तले अंधेरा मनुष्य होने की कला सदगुरु समर्पण उस पथ के पथिक अंतर्यात्रा के पथ पर सबै सयाने एक मत पिव पिव लागी प्यास मलूकदास कन थोरे कांकर घने रामदुवारे जो मरे बोध-कथा मिट्टी के दीये तंत्र संभोग से समाधि की ओर संभोग से समाधि की ओर युवक और यौन क्रांति-सूत्र तंत्र-सूत्र (पांच भागों में) अन्य रहस्यदर्शी भक्ति-सूत्र (नारद) शिव-सूत्र (शिव) भजगोविन्दम् मूढ़मते (आदिशंकराचार्य) एक ओंकार सतनाम (नानक) जगत तरैया भोर की (दयाबाई) बिन घन परत फुहार (सहजोबाई) नहीं सांझ नहीं भोर (चरणदास) संतो, मगन भया मन मेरा (रज्जब) कहै वाजिद पुकार (वाजिद) मरौ हे जोगी मरौ (गोरख) सहज-योग (सरहपा-तिलोपा) बिरहिनी मंदिर दियना बार (यारी) प्रेम-रंग-रस ओढ़ चदरिया (दूलन) हंसा तो मोती चुरौं (लाल) योग पतंजलि : योग-सूत्र (पांच भागों में) योगः नये आयाम विचार-पत्र क्रांति-बीज पथ के प्रदीप 216

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