Book Title: Mahavir Ke Upasak
Author(s): Subhadramuni
Publisher: Muni Mayaram Sambodhi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 42
________________ र धनासक्ति को जीतकर चुल्लशतक श्रावक श्रेष्ठ कहलाया और उसने अपनी साधना पूर्ण की। शब्दार्थ कषाय = क्रोध, मान, माया और लोभ इन चारों विकारों का समूह | परभाव = आत्मा से भिन्न अन्य वस्तुओं का गुण/स्वभाव। विरमण = विशेष रूप से त्याग। च्युत = गिर जाना | शील = आचरण/ मर्यादा । व्रत = नियम। - . . . . . अभ्यास 1. चुल्लशतक की पारिवारिक स्थिति का वर्णन करो। 2. पौषध व्रत में देव ने अपनी माया से उसे क्या-क्या दृश्य दिखाया ? 3. चुल्लशतक के पुत्र जीवित रहे या मृत्यु को प्राप्त हुए? 4. श्रावक जोर-जोर से क्यों चिल्लाने लगा? 5. बहुला के हंसने का क्या कारण था? 6. चुल्लशतक पुत्रों की मृत्यु से विचलित नहीं हुआ | आखिर ऐसा क्या कारण था कि वह क्रोध में देव को पकड़ने दौड़ा? 7. चुलशतक भ्रम का शिकार कैसे हुआ था ? 8. चुल्लशतक ने एक महीने का अनशन क्यों किया था ? 9. पुत्र-मोह, शरीर-मोह , धन-मोह,तीनों में से उसे किसने विचलित किया ? श्रावक चुल्लशतक /41

Loading...

Page Navigation
1 ... 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74