Book Title: Mahavir Jivan Prabha
Author(s): Anandsagar
Publisher: Anandsagar Gyanbhandar

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Page 171
________________ १५८] * महावीर जीवन प्रभा* परिशिष्ट भगवान महावीर देव का संक्षिप्त जीवन चरित्र हम पाठकों के सम्मुख उपस्थित कर चुके हैं, इस चरित्र को पढ़ने के बाद हर एक निष्पक्ष जन यह कह सकेगा कि भगवान् के जीवन का प्रत्येक अंग कितना महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद है; चाहे फिर वह जैन हो या अजैन हो, उनके जीवन की प्रत्येक घटना कितना अर्थ रखती है, यह दीपक की तरह स्पष्ट दिखाई देता है, जो मुमुक्षु अपनी आत्मा को उन्नत बनाने के इच्छुक हैं, जो अपने जीवन की उलझी हुई गुत्थी ( Problem ) को सुलझाना चाहते हैं और जो अज्ञात तत्वों को जानने के अभिलाषी हैं, उनको महावीर जीवन से पर्याप्त सामग्री उपलब्ध हो सकती है. संसार के साहित्य ( Literature ) में जिन जिन महान् आत्माओं ने जगत् कल्याण की वेदी पर आत्म बलिदान ( Self-sacrifice ) दिया है, उनमें, महावीर को बहुत उच्च स्थान प्राप्त है, वे मात्र अपना हित साध कर ही खामोस नहीं रहे हैं, बल्कि विश्व को दिव्य तत्वों का सन्देश ( Message) दिया है और अपने धर्मोपदेश Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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