Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust
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मा मह उण्हं होहिइ इमस्स देहस्स छत्तयं धरियं । तं जीव-गमण-समए खलस्स सव्वं पि पम्हुट्टं ।।
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मा मह छुहा भवीहिइ इमस्स देहस्स संबलं वूढं । तं जीव- -गमणग-काले कह व कयग्घेण णो भरियं ।। मे तण्हा होहिइ मरुत्थलीसुं पि पाणियं वूढं । तेण च्चिय देह तुमं खल-गहिओ किं ण सुकरण ।।
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तह लालियस्स तह पालियस्स तह गंध - मल्ल - सुरहिस्स । खल देह तुज्झ जुत्तं पयं पि णो देसि गंतव्वे ।।
9 अव्वो जणस्स मोहो धम्मं मोत्तूण गमण - सुसहायं । देहस्स कुणइ पेच्छसु तद्दियहं सव्व - कज्जाई ।।
णत्थि पुहईए अण्णो अविसेसो जारिसो इमो जीवो । देहस्स कुणइ एवं धम्मस्स ण गेहए णामं ।। 13 धम्मेण होइ सुगई देहो वि विलोट्टए मरण - काले । तह वि कयग्घो जीवो देहस्स सुहइँ चिंतेइ ।।
छारस्स होइ पुंजो अहवा किमियाण सिलिसिलेंताण । सुक्खइ रवि-किरणेहिँ वि होहिइ पूयस्स व पवाहो ।। भत्तं व सउणयाणं भक्खं वासाण कोल्हुयाईणं । होहिइ पत्थर-सरिसं अव्वो सुक्कं व कट्ठे वा ।। ता एरिसेण संपइ असार- देहेण जइ तवो होइ । लद्धं जं लहियव्वं मा मुच्छं कुणसु देहम्मि ।। अवि य ।
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21 देहेण कुणह धम्मं अंतम्मि विलोट्टए पुणो एयं । फग्गुण - मासं खेल्लह परसंते णेय पिट्ठे य ।।
(४१७)
1) P देह छत्तयं. 3) P भवीहइ, P संबलं मूढ. 6) J तेणं चिय, P खण for खल. 8) P एयं for पयं. 11 ) P पुहतीए अण्णो. 12 ) P देह कुणइ कज्जं धम्मस्स. 13) P सुगती. 16) P सुक्कइ, P वा for वि, J होहिति पुत्तिस्स व, P पूयस्स वाहो ।।. 17) J कोल्हुआतीण । होहिति. 19) P तओ होइ. 20) P व्यव्वं मु मा मुच्छंति कुणसु. 22) J खेलह, P परसत्ते, P परिसंतेणाय पिट्टेणं.

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