Book Title: Kuvalaymala Part 02
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 138
________________ (२४३) १३५ 1 रेहिर-विद्दम-मय-गोउर-कवाड-मणि-संपुड त्ति । जा य लंकाउरि-जइसिय धीर-पुरिसाहिट्ठिय ण उण वियरंत-रक्खसाउल, धणय-पुरि-जइसिय धण3 णिरंतर ण उण गुज्झय-णिमियत्थ-वावार, वारयाउरि-जइसिय समुद्द-वलय परिगय ण संणिहिय-गोविंद । जहिं च ण सुव्वंति ण दीसंति वयणइं बहुयणहो 5 खलयणहो व । जहिं च दीसंति रमिजति य दोलइं लायलइं च धवलहरेसु कामिणी वयणेसु त्ति । किं बहुणा, 7 सिरि-सोहा-गुण-संघाय-विहव-दक्खिण्ण-णाण-भासाण । पुंजं व विणिम्मविया विहिणा पलयग्गि-भीएण ।। 9 तीए णयरीए उत्तरे दिसि-विभाए णीसहो णिसण्णो राय-तणओ चिंतिउं पयत्तो । 'अहो एसा सा णयरी विजया जत्थ सा साहुणा साहिया कुवलयमाला । तो 11 केण उण उवाएण सा मए दट्ठव्वा । अहवा दे पुच्छामि कं पि जणं ताव पउत्तिं । को उण एवं वियाणइ । अहवा पर-तत्ति-तग्गय-वावारो महिलायणो, 13 उद्ध-रच्छा-जीवणो चट्ट-जणो य । ता जहा सललिय-सहिण-मिदु-सुहमंगुली सणाह-चलण-पडिबिंब-लंछिओ मग्गो दीसइ एसो, तहा लक्खेमि इमिणा 15 उदय-हारिया-मग्गेण होयव्वं । ता फुडा होहिइ एत्थ मे पउत्ती, ता इमिणा चेव वच्चामि' त्ति चिंतयंतो समुट्ठिओ कुमारो । जाव थोवंतरं गओ ताव पेच्छइ 17 णायरिया-वंद्र जल-भरियारोविय-कुडयं । तं च दद्दूण तस्स य मग्गालग्गो __णिय-पय-संचारो गंतु पयत्तो । भणियं एक्काए णायरियाए- ‘मा, एसा उण 19 कुवलयमाला कुमारिया चेय खयं जाहिइ, ण य केणइ परिणावेहिइ' । अण्णाए भणियं किं ण स्वं सुंदरं। किं तीय ण विहिणा विहिया वीवाह-रत्ती,जइ णाम 21 रूव-जोव्वण-विलास-लास-सोहग्ग-मडप्फर-गव्विया कुल-रूव-विहवसंपण्णो वि णेच्छइ णरणाहउत्तो' । अण्णाए भणियं केरिसं तीए रूवं जेण 1) P रेहिरे, J जच्च for जा य. 2) P विरयरंत, P धरियपुरिसजइजइजसिय. 3) P गुज्झयनमिअत्थ, P जइसिया. 4) P सन्निहिया, P जहिं च दीसंति न सुवंति वययई बहुवयणहो, J adds च after वयणई, Jच for व. 5) P रमिजंति चंडायलई द्रायलई च. 7) J एण for णाण. 8) J विणिम्मविअं, P पलयग्गभीएण. 9) J तीय, P दिसाविहाए निस्सहो निसन्ना. 10) P एत्थ for जत्थ, J repeats साहुणा, P ता for तो. 11) P किं पि for कं पि. 13) P repeats वट्टजणो for चट्टजणो, P ता जललिय, J मिंद for मिदु. 14) J लंछितो. 15) J उअय, P उदयाहारिया, P तप्फडा होइमे पउत्ती. 17) P नयरिया, P कुडइ. 18) J च for एक्काए, P एक्कोए, P माए एसा. 20) J om. किंणरूवं सुंदरं, P किं मरूवं, P om. तीय, P adds य before विहिणा, J inter. विहिआ & विहिणा, P विहिया विहदियएसु वोलिए बलदेवूसवेसु etc. (the passage repeated here as on p. 132 line 3 to p. 133 line 1 1 toपणइयणं, P वाह for वीवाह, J रती for रत्ती, Jadds किण्ण विहिआ before जइ. 21) Pom. लास. 22) P संपुन्ने, Jणरणाहपुत्तो, J तीअ.

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