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सिरोही (राज.), में शिवगंजके निकट | 125तोविरोधी पक्ष उपद्रवपरउलारूया जावाल गांव में एक पक्षस्वामीजी के स्वागतकी तैयारी कर रहा था.....
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स्वामी जीके निवास
स्थान पर
स्वामी जी वापसजाओ।
किवाड़तोड़दो)
स्वामीजीस्वयं किवाड | रवालकर बाहर आएगा
परस्परमेंद्वेषमत कशाहमंता चले। जारोंगे परन्तु तुम्हारा द्वेषकायमरहजारगा,
स्वामीजीससंघआबूकी और प्रस्यानकर गये।
विरोधी पश्चातापकी आग में जलने लगे।
नवीना
हमने उसमहामानव को समझने में भूलकी।