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व्याकरण :
_ [ 443
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11
व्याकरण
8A
___10 25 x || x 19x57 | अपूर्ण अध्याय 3/2 से | 16वीं
7/4 तक | 25x7x12x 66 , 3/2 तक 17वीं
अत में न्याय सूत्र वृत्तिसह (ग्रं 243)
26 x 10 x 12 x 55 |, 5 अध्याय तक
ग्रं. 6000 26x12x16x33 , 4/4 तक
18वीं
31x11x19x49 | केवल 5वां अध्याय ग्रं. | 1495,देवकुल
730
पाटक, उदय
धर्मगणि 26-11-17x56 अपूर्ण 2/2 तक
16वीं
26 x 11 x 10 x 555,
17वीं 26 x 11x15x55| , 1/4+213 श्लोक | 18वीं 26 x 11 x 15x50 | कुछ अपूर्ण
(शब्दानुशासन का आठवां अध्याय)
32x16x10x36 | संपूर्ण 139 श्लोक
27x11x11x42 , 183 ग्रंथाग्र 1809 जैसलमेर
पालमचंद 34 x 13x20x72 , 3384 ग्रंथान 1616x
भावचन्द्र 26 x 11 x 17 x 50 अपूर्ण स्त्रीलिंग समाप्त । 19वीं
+10 श्लोक 26x11x17x50 संपूर्ण
27x11x16x52
,
1664
20x7x8x35
अपूर्ण पन्ने 23 से 43 | 14वीं
26x11x13x41 संपूर्ण
1656
26 x 13x13x50 | ,, 10 गण
1479 डुंगरपुर
26x12x15x60
1686
24 x 11x20x60 _963 श्लोक 1765 29 x 14 x 13x37 ,, ग्रंथान 2500 1947 सरसपुर
मोतीविजय 26 x 11x17x55 अपूर्ण (17 से 52 पन्ने । 19वीं
अन्त) 27x13x13x37
प्रा.सं.रा. 12
23 से 32x10 से 16 पूर्ण अपूर्ण
17/20वीं
अति ामान्य .
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