Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 459
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण : _ [ 443 6 7 8 11 व्याकरण 8A ___10 25 x || x 19x57 | अपूर्ण अध्याय 3/2 से | 16वीं 7/4 तक | 25x7x12x 66 , 3/2 तक 17वीं अत में न्याय सूत्र वृत्तिसह (ग्रं 243) 26 x 10 x 12 x 55 |, 5 अध्याय तक ग्रं. 6000 26x12x16x33 , 4/4 तक 18वीं 31x11x19x49 | केवल 5वां अध्याय ग्रं. | 1495,देवकुल 730 पाटक, उदय धर्मगणि 26-11-17x56 अपूर्ण 2/2 तक 16वीं 26 x 11 x 10 x 555, 17वीं 26 x 11x15x55| , 1/4+213 श्लोक | 18वीं 26 x 11 x 15x50 | कुछ अपूर्ण (शब्दानुशासन का आठवां अध्याय) 32x16x10x36 | संपूर्ण 139 श्लोक 27x11x11x42 , 183 ग्रंथाग्र 1809 जैसलमेर पालमचंद 34 x 13x20x72 , 3384 ग्रंथान 1616x भावचन्द्र 26 x 11 x 17 x 50 अपूर्ण स्त्रीलिंग समाप्त । 19वीं +10 श्लोक 26x11x17x50 संपूर्ण 27x11x16x52 , 1664 20x7x8x35 अपूर्ण पन्ने 23 से 43 | 14वीं 26x11x13x41 संपूर्ण 1656 26 x 13x13x50 | ,, 10 गण 1479 डुंगरपुर 26x12x15x60 1686 24 x 11x20x60 _963 श्लोक 1765 29 x 14 x 13x37 ,, ग्रंथान 2500 1947 सरसपुर मोतीविजय 26 x 11x17x55 अपूर्ण (17 से 52 पन्ने । 19वीं अन्त) 27x13x13x37 प्रा.सं.रा. 12 23 से 32x10 से 16 पूर्ण अपूर्ण 17/20वीं अति ामान्य . For Private and Personal Use Only

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