Book Title: Jinrajsuri Krut Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 335
________________ 2 पृष्ठ पक्ति 218 218 218 16 22017 220 17 221 6 2256 225 225, 1 226 5 229 226 233 अशुद्ध रइणि कइइ तेला वडी डोलावा क घारगी शुद्ध राइणि करइ तलावड़ी डोलाइवा मेलि वाणी मेलि गहगहता कठइ वचन वदत भमता . दह ar - गहगइता कठ वचत वदन भवमतां दइ कपिप्या दस थ तखध वादि वत अधवार भ्रम सघाति व तुपाल घराउ 233 235 19 235 कप्पिया दसाश्र तखंघ वादी सवत अवधार ध्रम स घाति वस्तुपाल घराउ 238 6 238 236 240 240 24 सिंधु सिंधु 241 घाँधणी 241 244 244 52 2 7 समरपा अभिप्रण कारिज घंघारणी समरथा भविमरण जे कारिज

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