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प्रन्थमाला के उद्देश्य १-श्री दि० जैन आर्ष मार्ग को पोषण करने वाले धर्म ग्रन्यों
को छपाना और उन्हें बिना मूल्य या मूल्य से वितरित
करना। २-न्याय, अध्यात्म, सिद्धान्त एवं विशेषतया जैन त्रिलोक
सम्बन्धी Research शोध के लिए ग्रन्थों को संग्रहोत करना
एवं प्रकाशित करना। ३-समय-समय पर धार्मिक-उपयोगी ट्रेक्टों को प्रकाशित
करना। ४- त्यागीगण एवं विद्वत्वर्ग को स्वाध्याय के लिए ग्रन्थ
प्रदान करना। ५-अप्रकाशित प्राचीन ग्रन्थों को संग्रहीत करना एवं प्रका
शित करना।