Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L
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आर्थिक दशा एवं अर्थव्यवस्था • 303
13. उत्तराध्ययन, चन्दनाजी, 36/97-991 14. वही, 8 / 2 पृ० 671
15. वही, 9/49, पृ० 811
16. वही, 36 / 94, पृ० 3941
17. वही, 36/951
18. वही, 36/971
19. वही, 36/981
20. वही, 39 / 99
21. आचारांग, 2/7/2/6 एस० बी०ई०, पृ० 1751
22. उत्तराध्ययन, 36/961
23. सूत्रकृतांग, 1/2 / 1 /6 : उत्तराध्ययन, 36/951 24. वही, 36/94-95 : आयारो, 1/6/19-201 25. उत्तराध्ययन, 36/951
26. वही, 34 / 12
27. वही, 34 / 13।
28. वही, 34/19/ 29. सूत्रकृतांग, 2/2/631 30. आचारांग, 2/5/11
31. कल्पसूत्र, 1 /4/631 32. सूत्रकृतांग, 2/6/271 33. वही, 2/6/371
34. उत्तराध्ययन, 34/12/131 35. उत्तराध्ययन सूत्र, 19/531 36. वही, 11/18
37. सूत्रकृतांग, 1/4/2/12
38. निशीथसूत्र, 9/7
39. आचारांग, 2/1/8:1-4:2/1/9, 14, 15: उत्तराध्ययन, 19/171
40. आचारांग, 2/1/8/51
41. उत्तराध्ययन, 12/43-44 मंधु की चर्चा बेर के विरचन चूर्ण के रूप में हुई है।
42. कल्पसूत्र एस० बी०ई०, 1/4/2/51
43. सूत्रकृतांग, 1/4/2/101
44. उत्तराध्ययन, 36/95-991
45. कल्पसूत्र, 1 /4/631
46. आचारांग, एस० बी०ई० 1 / 116, पृ० 10
47. वही, 2/2/21
48. उत्तराध्ययन, 34/61
49. वही, 34 / 9 : कल्पसूत्र, पृ० 2351
50. सूत्रकृतांग, 2/2/70 : 1/6/221
51. उत्तराध्ययन, 34 / 191 52. वही, 10 / 281

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