Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L

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Page 369
________________ सुग्रीव नगर, 270 सुत्तनिपात, 33, 66, 94,227, 252, 253 सुधर्मा, 12, 18, 24, 30, 105, 159 सुन्दरगणि, 3, 250 सुपापूर्व, 60 सुभद्र, 7, 8 सुव्रत, 269 सुश्रुत संहिता, 164 सुहम्मा, 151 अनुक्रमणिका • 335 सूत्रकृतांगसूत्र, 1, 22, 28, 32, 33, 36, 64, 68-73, 76, 77, 79, 81, 84, 86, 90, 94-99, 156, 162, 244, 246, 252, 254-256, 258, 260, 261, 267, 274, 276, 279, 281, 287, 291, 299, 301306, 308-313 सूत्रागम (सुत्तागमे), 18 सूयगडम, 313 सूर्यप्रज्ञप्ति, 21-23 सृष्टि, 9 सेणिय बिम्बिसार (मगधेश्वर ), 246, 259, 262, 275, 277, 278, 309 सेरियपुर, 270,280 सेयांग सेचनक, 262 सोमदेव, 234, 259 सौराष्ट्र, 148-150, 280 स्कन्द, 85, 98 स्कन्दिलाचार्य, मथुरा सम्मेलन के प्रमुख 4-6 स्टडीज इन दी ओरिजिंस आफ बुद्धिज्म, 40, 41, 42, 91 स्थानांगवृत्ति 111, 158-160, 169, 225, 278, 283 स्थानांगसूत्र, 21, 22, 42, 52, 61, 63, 95, 100, 106, 108, 109, 110, 114, 116, 117, 140, 142, 146, 159, 160, 162, 164, 181, 200, 225, 227, 230, 276 , 138 स्थूलभद्र, 11, 147, 150 स्थूलभद्रकथा, 36 स्थूलभद्रचरित्र, 36 स्नातक, 61, 62 स्पार्टा, 264 स्वायंभूमनु, 53, 154 हरिकेश, 34, 161, 244, 250, 255 हरिणेगमेषी, 86, 98 हरिभद्र, 5, 9, 36, 41, 165, 234, 283 हरिवंशपुराण, 92 हरिषेण, 2, 150, 170,245,269 हल्ल, 262 हस्तितापसवाद, 64, 77 हस्तिनापुर, 269, 270 हाथीगुम्फा अभिलेख, 11, 151, 270 हिंसावाद, 64 हिरण्यकेशीगृहसूत्र, 42, 163 हिस्ट्री आफ इण्डियन लिटरेचर, 38, 39, 41, 42, 92 हीनयान, 172 हेमचन्द्राचार्य, 5, 17, 36, 37, 40, 60, 93-98, 106, 108, 234, 259

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