Book Title: Hum Aarya Hain Author(s): Bhadrasen Acharya Publisher: Jalimsinh Kothari View full book textPage 2
________________ भूमिका इस भूमण्डल में देश और जातियों की नामावली पर विचार करने से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके नाम देने को दो प्रथाएं हैं। एक तो देशका नाम उन जातियों के नामों पर अङ्कित किया जाता है, जो उस देश में बसती हैं, जैसे अफग़ानिस्तान विलो - चिस्तान जर्मनी आदि। और दूसरे देशों के नाम उनके आस पास की प्राकृतिक रचना के कारण से अङ्कित कर, जो जाति वहां बसने का श्राती है, उसका नाम उस देश के नाम के अनुमार कित किया जाता है, जैसे सिन्ध, पंजाब, हबश देश के बसने वाले सिन्धी, पंजाबी हबशी कहलाए । प्राचीन वैदिक साहित्य में प्रथम मनुष्यों की उत्पत्ति त्रिविष्टप अर्थात् तिब्बत में होना लिखा है । और अर्वाचीन भूगोल और खगोल वेत्ताओं का जैसा अनुमान है कि मनुष्यों की उत्पत्ति पहिले पहल हिमालय पर्वत के दामन पामीर स्थल में हुई, और यहीं से वे सारं संसार में फैले । प्राचीन समय में यह " पामीर" इसी देश का एक भाग था । अतः इस देश के प्राचीन इतिहास लेखकों का अनुमान ठीक दिखाई देता है कि उस समय जो मनुष्य उत्पन्न हुए, वे यहीं रहते थे, और उनके दो भाग थे । एक तो वे कि जिनके हृदयों में परमात्मा की कृपा से वेदों के ज्ञान का प्रकाश हुआ। दूसरे वे जो वैदिक ज्ञान सेPage Navigation
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