Book Title: Hemchandra Kosh
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Jaina Publishing Company

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Page 128
________________ हेमचन्द्रकोश६ को जनताबंधुताग्रामतागज तासहायता जनादीनारशानातस्याद्र प्रशारयकस्यया॥५८॥राजिलेरवाततीलीथीमालाल्पावलिपंक्त एआधारणीश्रेण्युभौतुहौयुगलेरितयंहय॥५९॥ युगदेतंयमई युग्मयमलयामलेपशुभ्योगोयुगयुग्मपरेवदत्वे तुषट्भव॥६॥ परशातायास्तेयेषांपरासरन्याशतादिकाताप्राज्यप्रभूतंत्रतरंब हलंबहपुष्कले॥१॥भूयिष्टपुरुभूयोभूर्यद_पुरुस्फिरस्तो कैपल्लंतुच्छमल्पदभ्राणतलिनानिच॥६॥तन देकशंसूक्ष्मपुनः अलणंचपेलवात्रुदौमात्रालबोलेश:कणाहस्वंपुनलघु॥६॥अरस ल्वालियर गल्पीयःकणीयोऽणीयद्यपिादीयतेसमतुगमुच्च मुन्नतमदुरापांशूछूितमुदीचन्पडीचंहस्वमरेश्वर कुजवामनंचविशालतविशे कापयूरुपृथुलंन्यूढेविकट विपुलरहतास्फारंवरिष्टविस्तीर्णततंबहुमहहरुः॥६६॥दैर्घ्यमार यामआनाहआरोहकसमुजामा उत्ोधउदयोच्छ्रायोपरिणाही विशालता॥६॥प्रपंचाभोगविस्तारख्यामा-शब्देसविस्तरः॥समा सस्तुसमाहार-संक्षेपःसंग्रहोऽपिच॥६॥सर्वेसमस्तमन्यूनसम ग्रंसकलंसमाविश्वाशेषाषपदंकनन्यक्षाणिनिरिक्लाखिले६९ खंडेऽईशकलंमितनेमशल्लदलानिचाअशोभागश्ववर स्पासा दस्तुसतरीयकः॥॥मलिनकच्चरंम्मानंकस्मलंचमलीमसंप वित्रंपावनपूर्तपण्यमेध्यमायोज्ज्वलो।७१॥विमलं विशदेवीप्रम वदातमनाविलाविशुद्धशचिनोसंतुनिःशोध्यमनवस्कर॥७२॥ निर्णित शोधितंमृष्टधौलक्षालितमित्यपिासम्परवीनमभिमरवप राचीनपराङ्मुख॥७३॥मुख्यपरंप्रमुखप्रवर्हवर्यवरेण्यमय रंपुरोगा। अनुत्तरप्राग्रहप्रवेकंप्रधानमग्रेसरमुत्तमाये ७४ाग्राम ण्यगण्यग्रिमजात्याग्र्यानुनमान्यनवरार्यबगप्रेष्ठपरायपरा णिश्रेयसितश्रेष्ठसतमेपुष्कलवत्॥७॥स्पुरुत्तरपदेव्याःगवर्षभ) कुंजराजसिंहशार्दूलनागाद्यातल्लजश्वमतल्लिका॥६॥मचर्निकापक पडोघौप्रशस्पार्थप्रकाशकाः॥गुणोपसर्जनोपयाण्यप्रधानाधमपुन: 9

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