Book Title: He Navkar Mahan
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Padmasagarsuriji

View full book text
Previous | Next

Page 122
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री नवकार महामंत्र श्री की प्राप्ति भी नवकार की आराधना से ही संभव होगी। नमस्कार मंत्र के प्रभाव से ही देवेन्द्रों द्वारा नमस्कार के पात्र बन सकेंगे । वरदान ही माँगना हो तो श्री नवकार की शरण में सदा रहने का माँगो। कार्य मंगल के लिये श्री नवकार __का स्मरण करना न भूलो। रवि जिस प्रकार अंधकार का नाश करता है। उसी प्रकार श्री नवकार अज्ञान अंधकार का नाश करता है। महान बनना हो तो महामंत्र नवकार को लक्ष्य में रखकर हो हरएक कार्य करो। हा इस प्रकार का शब्द अंत समय में न बोलना पड़े इसलिये हर समय नवकार रटन करो। मंजिल संसार की बहुत लम्बी है, उसे छोटी बनानी हो तो श्री नवकार का साथ करो। त्रस्त जीवों के विश्राम के लिये नवकार महामंत्र सदृश अन्य कोई सर्वोत्तम विश्रामगृह नहीं है। है नवकार महान १०९ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 120 121 122 123 124 125 126