Book Title: Gyanarnava Prakaranam Gyanbindu Prakaranam Savivaranam
Author(s): Yashovijay Gani
Publisher: Gulabchandra Devchandra

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Page 8
________________ Released ज्ञानार्णववृत्तिगतानां योजितपाठगतानां च साक्ष्योधृतानां भाष्यगाथानामनुक्रमः। (पंक्तिसंख्यांकः द्वयोः पृष्ठयोः सम्मील्य कृतः ॥) गाचादिषाद गायांक पत्र पबित गावाविवाद गायांक पत्र पक्ति गाथादिपाद गाद्यांक पत्र पंक्ति नं सामिकाल कारण ११ १२ जमभिणिबुज्झइतमभिणि ९८६ २२ । कज्जतषा णउ कमसो ११० ९ ९ मइपुच्चं जेण सुर्य ८६ १२१/ सुयकारण जो सो ९९ ६२४ | दरसुअं मइपुव्वं १११ ९ २२ कालविवजयसामि ८७१ २२ जइ सुअजवखणमेयं १०१ ७ १३ दव्वसुझं बुद्धीओ ११२ ९ २५ अंते केवलमुत्तम ८१ भावसुर्य भासासाय १०२ ७ १५ भावसु मइपुर्व ११२ १०२ जीवो अक्सो अस्थध्वा ८९ २ जह सुहम भाविंदिय १०३ ७ १७ सुअविनाणप्पभवं ११३ १० देसि चि इंदियाई ९१ २ १० एवं सवपसंगो १०४ ७ २८ अविसेसिया मइच्चिय ११४ १० उबलद्धा तत्थाया ९२ २ १२ | मइपुर्व सुयमुत्तं १०५ ८२० सदसदविसेसणाओ ११५ ११ इंदियमणोणिमित्तं ९३ २ पूरिज्जइ पाविजइ १०६ ८ २२ भेयकयं च विसेसण ११६ १२ १० एगतेण परोक्ख ९५ ४ ४ नाणाणण्णाणाणिय १०७ र २८ इंदियविभागओ बा ११६ १२ १४ सामिताइविसेसा ९६ ६ ३ इह मद्धिमइसुयाई १०८ ९ १ सोइंदियोवलदी होइ ११७ १२ इंदियमणोनिमितं जे १०. ५ ९| सोऊण जामई इमे १०९. ९ । (पूर्वगत गाथा) ARRASRASHROORORROROR

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