Book Title: Granth Ane Granthkar Pustak 05
Author(s): Hiralal Tribhovandas Parekh
Publisher: Gujarat Varnacular Society
View full book text
________________
* GOOJRATEE
TRANAGATION
ESOP'S FABLES.
रुपनीति कथागो बापूधासोपा रायकरा
पो
मराठो उपरथी गुजराती भाषामा करीयो सुबाईना शिक्षामंडळीना लामामा श
चवम
1558
* ान
१०५०
पुरानी
MAN WAREN DER KROMAN
ग्राम अमदावाद
अनुपमा
उ गुलमप्रापती
भोपरापाशा
मनपामारा
शरीर गंगरारे जैनोलाना ानम -
श शरत
९८४७
乘
आंधार पेपारनी योपडी हरेकली जातकांम जाजतनी
जमापाह पुद्धिमनार मंडल छपासुः गोगरी जमीपी छाप्पु संपत +3
८४७ नीमराना
MCCULLOCH'S FIRST RE मामनीगमो
नरकुमीनराजीनामा
मशनमामपणती
मुकाममाषाह
न य
REMIS镜头起到
अमे
नाम
अव
MEROL
apn
नीतिदर्पण
आग्नेय मुखमराठी भाषानुतेनुगुजरातीनी
ছ a sage
एक जगह मध्य में
उपस्थी मेहेताजी तुम नाना छोकराने मी ज्ञाना
एनीमे परमे परे सभी देव
सि
पुनर या
mala
विदुरनीति
मूळ संस्कृतउपर भी गुजराति भा
पामी
मी का
अमदावाद
सन १९४
爱爱
संवत् १९०७ सन १९५१
ચિત્રપ્લેટ નં. ૨-જૂનામાં જૂનાં ગણી શકાય તેવાં ઘેાડાં વધુ પુસ્તકોનાં અગ્રપૃષ્ઠ
ईसपनीतिस्थाओ (१८२८); संसारवडेवारी थे।पडी (१८४७); नीति:र्पण (१८४७); डासीनी वातानुं लाषांतर, भनी राडिंग (१८४७); विदुरनीति (१८५१); गुझमंडावली (१८४७); ओधस्था (१८४८); डीर्तनावसि (१८९७); सपनातिनी वात (१८५४).

Page Navigation
1 ... 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326