Book Title: Dhatu Sangraha
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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उत्सर्ग प्रकरण. 28. संयोगनी पूर्व क, ग, ट, ड, त,द, प, श, ष, स एटला अक्षर आवे तो ते लोपाय छे. सं० रक्तः दुग्धं षट्पदः खड्डः उत्पलं मनः प्रा. रत्तो दुद्धं छप्पओ खग्गो उप्पलं मोग्गो. go રાત દુધ છો ખાગ ઊપલું મોગ. सं० सुप्तः स्मशानं गोष्ठिः स्नेहः लसा प्रा० सुत्तो मसाणं गोष्ठि नेहो नसा T0 સુતો મસાણ ગેઇષ નેહ નસ 29. म, न, य एटला अक्षर संयोगमा प्रथमाक्षर पछी होय तो लोपाय. युग्मं = जुग्गं == 1. नमः= नग्गो = नागो. शल्यं = सलं = सास.. 30. ल, ब, र एटला अक्षर संयोगमा उंचे के नीचे होय तो लोपाय. वल्गं = बग्गंq. शब्दः= सद्दो = साह. अर्कः= अको = मा. चक्रं = चक्कं = न्या. 31. र्श अने र्ष ए संयुक्त छे तेमना पूर्व अक्षरमा इ थाय. आदर्शः= आरिसो = मारसे वर्ष = वरिसं = १२स. 31. कोइ शब्दमा र्य एवो संयुक्ताक्षर होय तेना पूर्वाक्षरमा इ थाय भार्या = भारिजा = मा२०१. 32. त्र प्रत्ययने स्थाने हि थाय छे, यत्र = जहि = ह. तत्र = तहि = तहि. कुत्र = कहि = हि. अत्र = अहि = महि. 33. संस्कृतमा स्वार्थमा क प्रत्यय थाय छे तेने स्थाने माकृतमां काहे ल अने कहि ड थाय छे. सं. नवकः एककः अंधकः वत्सकः पुच्छक प्रा० नवलो एकलो अंधलो वच्छडो पुच्छडं | નવલે એક આંધલ વાછડે છડું. 34. वक्र आदिक शब्दोमा मथम खरने माथे अनुस्वार थाय छे. वक्र- वकं . त्र्यसं= तंसं =तiसुं. कर्कोटककोडं- ओ . For Private And Personal Use Only

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