Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 597
________________ ५२८ देशी शब्दकोश जुज्ज (युज)-जोड़ना (प्रा ४।१०६)। . जुप्प (युज)-जोड़ना (प्रा ४।१०६) । जुप्प- जोतना । जूर (क्रुध)-गुस्सा करना (प्रा ४११३५) । जूर (खिद्)-खेद करना, अफसोस करना (प्रा ४।१३२)। जर (गर्ह.)-निंदा करना (सू २।११४२) । जूर-१ झूरना, सूखना । २ वध करना। जरव (वञ्च)-ठगना (प्रा ४।६३) । जूह-लाना, आनयन-'देशीशब्दत्वाद् आनयन्ति' (बृटी पृ १६३०)। जेंव-भोजन करना। जेम (भुज)-भोजन करना (प्रा ४।११०)। जो (दश)-देखना। जोअ-१ निरूपण करना-'जोएइत्ति देशीवचनमेतत् निरूपयति' (व्यभा १ टीप ३०) । जोअ (धुत)-प्रकाशित होना (सू १।६।१३) । जोक्ख-तोलना (मराठी-जोखणे)। जोड---जोड़ना, युक्त करना। जोय (दश)-देखना।। जोव (दृश्)-देखना (उसुटी प ८७) । जोहार-जुहारना, प्रणाम करना (जुहार-राजस्थानी)। झंख-१ क्रुद्ध होना (अनुद्वाहाटी पृ २६) । २ बार बार कहना (पिनि २८६) । ३ स्वीकार करना । ४ आच्छादन करना। शंख (सं+तप्)--संताप करना (प्रा ४।१४०) । झंख (उपा+लभ)--उलाहना देना (प्रा ४।१५६)। झंख (वि+लप)-विलाप करना (प्रा ४।१४८)। झंख (निर्-श्वस्)- निःश्वास लेना (प्रा ४।२०१) । झंट (भ्रम )-घूमना, फिरना (प्रा ४।१६१) । शंट (गुञ्ज)-गुजारव करना । झंप (नम्)-घूमना, फिरना (प्रा ४।१६१) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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