Book Title: Chaitya Purush Jag Jaye
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Sarvottam Sahitya Samsthan Udaipur

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Page 17
________________ (12) स्वामी ! पंथ दिखाओ जी..... तेरापंथ दिखाया, मेरा पंथ दिखाओ जी....।। . . . . . 1. मेरा पंथ बनेगा तब ही तेरापंथ मिलेगा। सूखे सरवर के परिसर में कैसे कमल खिलेगा? 2. भारिमाल मुनिवर से पूछो और हेम से पूछो। प्रवर खेतसीजी से पूछो मुनि वेणो से पूछो।। 3. करो-करो तुम पूर्ण समर्पण मेरा पंथ मिलेगा। भारिमाल की इस वाणी से शतदल कमल खिलेगा।। 4. सहन करो तुम सहन करो तुम मेरा पंथ मिलेगा। संत हेम की इस वाणी से शतदल कमल खिलेगा।। 5. विनय करो तुम विनय करो तुम मेरा पंथ मिलेगा। संत खेतसी की वाणी से शतदल कमल खिलेगा।। 6. हर स्थिति में तुम रहो संतुलित मेरा पंथ मिलेगा। मुनि वेणो की इस वाणी से शतदल कमल खिलेगा।। 7. 'महाप्रज्ञ' इस पथदर्शन से मेरा पंथ मिलेगा। मेरा पथ तेरा बनने पर शतदल कमल खिलेगा।। लय : रूट्योड़ा शिवशंकर... संदर्भ : भिक्षु चरमोत्सव लाडनूं, भाद्रव शुक्ला 13, वि.सं. 2057 3 चैत्य पुरुष जग.जाए Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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