Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala

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Page 112
________________ शुद्धि पत्र। स्याति त्रीपूर्वा स्वाति श्चत् त्रिपूर्वा श्वेत् मीन : : * ..... मीन मीन नमपंचम स्वामिनः होडडाडी रुलिलेवा भकहम् नेन्थं काधानि उत्तरोउत्तर नवपंचम स्वामिनः टोठडाडी रुलालीवा अकडम् नेत्थं काद्यानि उत्तरोत्तरे-- Ex. :::40 45 4: पृष्ट तीर्यक्रउर्ध्वकोष्टक अशुद्ध 16 (2) ४xसाधक पाठहिनो ठदिनो १.(a)xजिननाडीवेध 2, 5, ३४शुभ 16, 16, 22, 16, 16, 21 ६xश्रेष्ठ घ. 1,6,8 ध० 1, 6, 10, वर्गxप 6,16,20, 5, 16, 20, वर्गxय 12, 16, 12, 13, प्रारंभे अकहम अकडम १६xराशि अशभ अशुभ २१.०xनाडी वेध २२३०xनाडी .-13-23, 7-17-23 13 बि.xमारी वेध 14 अ०xनाडी वेध 17 कुंxनारी वेध* 16, 16, २१.xनाडी वेध एकम 68-61 नाही (वेधे) (पृष्ट ) पश्य तथा अराभ---अशुभ, ह–द, ह-ड, इत्यादि वोपि यथार्थ विशुद्धिर्विधेया एवं अन्ये ध्वपि स्थानेषु स्वयं विशोधनीयं ज्ञः॥ वेध प्रारंभे वेध

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