Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 26
________________ करुणानिधान भगवान महावीर आषाढ़ कृष्णा छ: की मध्यरात्रि के समय त्रिशला रानी ने चौदह महास्वप्न देखे। Movie Uml PIU TOS 02 SESIDEREDGE ఉతం PARA प्रातःकाल रानी त्रिशला ने राजा सिद्धार्थ से अपने शुभ स्वप्नों की चर्चा की। राजा ने ज्योतिषियों को बुलाकर स्वप्नों के विषय में पूछा। ज्योतिषियों ने स्वप्न शास्त्र के अनुसार चौदह स्वप्नों के फल बताये। और कहा महाराज, महारानी के गर्भ से अलौकिक आत्मा का जन्म होगा, जो समूचे संसार को शांति और कल्याण का मार्ग बताने वाला 2Rधर्म चक्रवर्ती तीर्थंकर बनेगा। 565B5CE SENILE Jain Education International For Privat24ersonal Use Only www.jainelibrary.org

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