Book Title: Anitya Panchashat Author(s): Padmanandi Acharya Publisher: Motilal Trikamdas Malvi View full book textPage 6
________________ ******* *...................................................................................................... ग्रंथकर्त्तानां ग्राहकोमत्ये आशीर वचन. वसंततिलकावृत, देवो प्रसन्न सघळा तम उपरे हो, संतोष शांती सघळा सुख आपजो हो, कीर्ति अखंड जगमां वळी स्थापजो हो, ingनी भीति हृदयकी कापजो हो. वृष्टि सुधा अमी वणी वरसावजो हो, भक्ति अखंड करवा मति आपुजो हो; सारी स्थिति सुभग भाग्य वसावजो हो, कीर्त्ति तणो विजयमाळ धरावजो हो. देवांशी नूतन प्रभा प्रगटाबजो हो, साचो सुमार्ग सुखनो बतलावजो हो... भीतिथी पंथ नीतिनो समजावजो हो, ने दैवीगुण सघळाय दरशावजो हो. वृत्ति सदाय उमदाज बनावजोहो, आनंद स्तोत्र सघळांय भणावजो हो; 9339982038------------------ १ २ ३Page Navigation
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