Book Title: Aavashyak Saptati
Author(s): Munichandrasuri, Maheshwarcharya, Labhsagar Gani
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 2
________________ मत्थूण समास भगवओ महावीरस्स आगमोद्धारक आचार्यप्रवर श्री आनन्दसागरसूरीश्वरेभ्यो नमः _ आगमोद्धारक / ग्रन्थमालाया एकोनपञ्चाशं रत्नम् आचार्य श्री मुनिचन्द्रसूरिरचिता पाक्षिक-सप्तत्यपराभिधाना आवश्यक - सप्ततिः श्री महेश्वराचार्यकृतवृत्तियक्त्र फ संशोधक : - पूज्य गच्छाधिपति-भाचार्य श्रीमन्माणिक्यसागरसूरीश्वर शिष्यः शतावधानी - मुनिराज लाभसागरगणिः > वीर सं० २४९८ प्रतय: ३०० 1 बिक्रम सं० २०२८ आगमोद्धारक सं० २२ [ मूल्यम् १ =५०

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