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________________ (६२) पुन्यने ओळखे छे, ते जे जे कृत्यो करे छे तेनुं तेने शुं फळ प्राप्त थशे ते ते जाणे छे. अने तेथी ते ए कृत्यो करवाने डरे छे. प्रिय बांधवो, मोक्ष सुखनो दाता एवो जे श्री जीन, आगमनुं जाणपणुं अने ते मेळववानी सघळी जोगवाईओ छतां पण आपणामां केवी मोटी मूखाई छे. के फक्त आळस आदि विषयमां अने वर्गमां छती आंखे आंधळा थई, छती शक्तिए अशक्त बनी, धर्मने तदन भूल: गया छीए. भाईओ! विचार करो के, चलत प्राण लक्ष्मी अने, जीवतर आ मंदिर; चले सर्व संसारमा, धर्म एक छे स्थिर. वंधुओ, तमो सुखेथी वेपार धंधो करो, लक्ष्मी मेळवा घरसंसारनुं कुटुंबसुख भोगवो. पण ते सर्व साथे कांईक धर्मनुं जाणपणुं पण ग्रहण करो के जेथी, संसारिक खटपटनी लयलीनतामा जे जे पापो एक बाजुथी निरंतर बंधातां जाय, तेओनो क्षय थवानो पण बीर्ज वाजुथी कंईक रस्तो रहे, अने तेथी कोईक दहाडे पण संसारसमुद्र तरी जवानो संभव रहे. नीति शास्त्रमा का छे के: धर्म अर्थ शुभ कामने, मुक्ति रहित नर जेह; जन्म मरण ते नरतणुं, वृथा समज तेह. तेना माटे आठ बाबतो तमारी समक्ष रजु करवामां आवी छे तेनु टुंकमां विवेचन: ए माटे फंडंनी जरुर छे, " अरे, दोलत, दुनियां, माल खजानो, कुटुंब परिवार. मुख संपत्ति, अस्थिर तेर्थः स्वप्नवत् नकामां छे.” जैनोने धार्मिक केळवणी साथे व्यवहारिक केळवणी आपनारी हाईस्कूल स्थापवानी जरुर. आपणां बाळकोने एक बीजी मुइकेली छे, ते धार्मिक केळवणीने लगती छे. जैन बाळकोन बीजा धर्मोनी केळवणी आपनारी शाळाओमां शीखवा जवानी फरज पडेछे, कारणके. जैन धार्मिक केळवणी साथे व्यवहारिक केळवणी आपनारी कोई हाईस्कूल हस्तीमां नथी; एटला माटे जरुरनुं छे के जैन बाळको व्यवहारिक ज्ञान लेवा साथे पोताना धर्मने अनुसरतुं ज्ञान मेळवी शके तेवी शाळा तेमने माटे स्थापवी. हाल जैन छोकराओ जे शाळाओमां शीखवा जायछे त्यां तेमने ए, शीखववामां आवे छे के माणसने आत्मा छ, पण गायने नथी. आ शिक्षण बीजा धर्मने अनुसरतुं हशे, पण आपणा जैन धर्मने अनुसरतुं नथी. एथी आपणे एवी हाईस्कूल स्थापवी जोईए के ज्यां जैन बाळको मूळाज पोताना धर्मने लगतुं ज्ञान मेळवतां रहे. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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