SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 179
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ५४ ) अने ते वखतनी माणसनी जरूरीआत जेवा शब्दोथी उत्पन्न थई हशे, पण जेम जेम एक बीजानो सहवास वधतो गयो तेम तेम तेनी अगत्य वधती गई अने हाल दरेक भापानो विस्तार करोडो शब्दोनी संख्याथी गणी शकायछे. खेतीवाडी तरफ जोईए छाए तो प्रथम घासरुपे देखाता छोडनां बीजने खोराक तरीके वापी हशे, अने पछीथी खप वधवार्थी विस्तारमा वाववानी अने थोडी जग्यामां मोटो जथो उत्पन्न करवा माटे खातर विगेरेनी शोध थई हशे. प्राणीओ पाळवामां पण ज्यारे मनुष्यबळ करतां वधारे बळनी जरूर पडी हशे अथवा तेमना वाळ विगेरेनो उपयोग मालुम पडयो हशे त्यारथी शरु थई, हाल ते केटली पुर्णताने पामी छे तेनो ख्याल आववो सेहेल नथी. आ रीते प्राचीन काळमां जे जे प्राथमिक शोधो थई हती तेनो हालनो इतिहास नोंध लेतो नथी पण तेनी कल्पना हालना विस्तार पामेला ज्ञानथी पण थई शकेले. आ उपरथी आपणने प्राचीन अने अर्वाचीन वखतनो मुकाबलो करवानी तक मळेछ; अने केळवणी आपवाना नवा बंधारणनी योजनामा हालनो जमानो केवी स्थितिनो छे ते जोवा माटे पण तेम करवानी अगत्य छे. प्राचीनकाळमां दुनियाना जुदा जुदा भागमां माणसो केटले अंतरे वसतां ते हाल एक बीजाथी नजीक अने एकत्र थयांछे. दुनियांना जुदा जुदा भागोनी शोध थई छ अने जुदा जुदा प्रदेशना माणसो एक बीजाथी जाणीता थयाछे. एवी कोई जात नथी के जे हालमां अजाणी रहेती होय. वखत अने अंतर ओर्छ करवाने केटलां साधनो तैयार छ ? हालनी रेलवेनी सडको जे जुदा देशो अने खंडोने जोडेछे अने देशमा जाळ माफक प्रसरेली छे तेथी तेनी साथे मुकाबलो करतां प्राचीन राजाओ पोताना राज्यमा रस्ता बांधता ते केटला नजीवा जणाय छे. मुंबईथी कलकत्ते दोढ दिवसमां जई शकाय एवी वात २०० वर्ष पहेला कोईने कही होत तो चमत्कार अथवा गप गणात ते आजे नजरे अनुभवीए छीए. जुदां जुदा शेहेरोनी वस्ती एक बीजाथी घणे अंतरे गणाती ते हवे एक बीजानी पाडोसी जेवी थई पडीछे. दुनियांनो व्यवहार केटलो घाडो थई गयो छे ते जोवाने एक न्युसपेपर हाथमां लेबु बस छे. तेमां जोईए छीए तो गई काले युरोप, अमेरिका अथवा आस्ट्रेलियामां शुं बनाव बन्याछे तेनुं वर्णन नजरे आवे छे, अने ते खबरो वीजळीनी झडपे अने वीजळीनी माफक तेज अहीं आवी छे. कोई ठेकाणे धरतीकंप, दुकाळ, कांई भयंकर अकस्मात, आग अथवा कांईपण जाणवालायक बनाव बन्या होय, पछी ते न्युयोर्क होय के लंडन होय के चीन होय तो तेना विगतवार समाचार अहीं बेठे आपणे अनुभवीए छीए. टंकामां बे देशनी प्रजाओ जे प्राचीन काळमां जुदा ग्रहनी वस्ती होय तेवी एक बीजाथी अजाणी हती ते हवे नजीकना पाडोसी माफक एक बीजानी हकीकतथी वाकेफ थई शकेछे. आ बधी बाबतो दुनिया वायुना वेगी विद्याकळामां दोडती चाली जाय छे एनुं भान करावे छे अने ते आपणी चालचलण अने बुद्धि उपर जबरी असर करे छे, आपणी जींदगीनी द्रष्टिमर्यादाने घणा विस्तारवाळी करे छे अने विचारशक्तिने असंख्यात विषयो मनन करवाने पुरा पाडेछे. आम थवाथी मनुष्य जातनो एक बीजा प्रत्येनो स्वार्थ अने मैत्री वधवानां चिन्हो हद बहार वधी पडेछे. प्राचीन अने अर्वाचीन काळना ऊपर मुजब फेरफारथी एक नवी बाबत आपणी नजरे आवे छे के Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy