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________________ मारवाड़ का इतिहास (५) मेहता अमृतलाल, (६) भंडारी हनवतचंद, और (७) पण्डित शिवनारायण काक, 'कौंसिल' के 'मैंबर' नियुक्त हुए; तथा पंडित सुखदेवप्रसाद काक को मुसाहिब आला के 'जुडीशल-सैकेटरी' का काम सौंपा गया । इसी साल डॉक्टर ऐडम्स की निगरानी में ह्यूसन अस्पताल खोला गया, आबकारी के महकमे में सुधार किया गया, और राज्य की (१) जोधपुर, (२) पाली, (३) सोजत, (४) मेड़ता और (५) नागोर की टकसालों में से मेड़ते की टकसाल बंद करदी गई। वि० सं० १९४४ की माघ सुदि ७ (ई० स० १८८८ की २० जनवरी) को मारवाड़ राज्य का इतिहास तैयार करने के लिये 'तवारीख का महकमा' कायम किया गया। इसके बाद फागुन बदि ६ (ई० स० १८८८ की ३ फरवरी) को माइसोरनरेशं जोधपुर आकर महाराज से मिले । इसके बाद ही जंगलात का महकमा खोला गया । पानी की सुविधा के लिये बालसमंद तालाव का बांध २० फुट ऊंचा उठाया गया। इसी प्रकार मरुदेश की पानी की कमी को दूर करने के लिये अनेक बांध, और नगर के तालावों में पानी लाने के लिये नहरें बनवाई गई । रानीसागर से इंजिन द्वारा पानी चढ़ाकर किले पर जलकल लगाई । आवागमन के सुभीते के लिये नागोरी दरवाजे के मार्ग से किले पर जाने के लिये एक सड़क बनवाई गई और नगर के बाहर भी चारों तरफ़ सड़कों का प्रबन्ध किया गया । इसी वर्ष मुंशी हीरालाल 'काउन्सिल' का मैंबर बनाया गया । वि० सं० १९४५ (ई० स० १८८१) में सरदार रिसाले की स्थापना का --------- -. .- . . --.. --- १. वि० सं० १६४४ की जेठ सुदि १० (ई० स० १८८७ की १ जून) को इसके अनुसार कार्य होने लगा । और नशे की वस्तुओं की बिकरी के लिये 'लाइसेन्स (आज्ञा-पत्र ) का चलन होजाने से उनके प्रचार में थोड़ा-बहुत प्रतिबन्ध लगगया । २. आपने यहां पर जोधपुर-महाराज के सरकारी अस्तबल के घोड़ों को देख कर उनकी बड़ी प्रशंसा की थी। ३. यह महकमा वि० सं० १६४५ की द्वितीय चैत्र वदि १ (ई० स० १८८८ की २८ मार्च) __ को खोला गया था। वि० सं० १६४६ के सावन (ई० स० १८८६ की जुलाई) में मारवाड़-राज्य के अन्तर्गत प्रवली पर्वत के हिस्से पर जंगलात कायम हुई । ४. पावटे का तालाव भी इसी वर्ष बना था। ५. वि० सं० १६४६ के ग्राषाढ़ (ई. स. १८८६ की जुलाई) में अलवर-नरेश जोधपुर पाए । ६, वि० सं० १९४६ (ई० स० १EE) में ६०० सवारों का पहला रिसाला और वि० सं० १९४८ (ई० स० १८६१) में दूसग रिसाला तैयार हुआ। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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