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________________ महाराजा जसवन्तसिंहजी (द्वितीय) का काम उदयपुर के रैजीडेंट कर्नल वायली को सौंपा गया। ___ इसी वर्ष राजकीय छापेवाने की, जहां पहले अधिकतर लीथो की छपाई ही होती थी, उन्नति की गई। वि० सं० १९४३ की भादों सुदि १४ ( ई० स० १८८६ की १२ सितंबर) को महाराजा जसवन्तसिंहजी घुड़-दौड़ देखने के लिये पूना गए। इनके वहां पहुंचने पर बंबई-गवर्नमेंट के चीफ सैक्रेटरी आदि ने पेशवाई में आकर इनकी अभ्यर्थना की। वहीं पर यह बंबई के गवर्नर लॉर्ड रे ( Lord Reay ) से और किरकी में डयूक ऑफ़ कनाट से मिले। ___ इसी वर्ष की फागुन वदि । ( ई० स० १८८७' की १६ फरवरी) को महारानी विक्टोरिया के ५० वर्ष राज्य कर चुकने के उपलक्ष्य में 'गोल्डन जुबली' का उत्सव मनाया गया। इसके बाद यही उत्सव लंदन में श्रावण सुदि १ (२१ जुलाई) को किया जाना तय हुआ । इस पर महाराज ने अपने छोटे भ्राता महाराज प्रतापसिंहजी को अपना प्रतिनिधि बनाकर उसमें सम्मिलित होने के लिये भेजा। ____ वि० सं० १९४४ ( ई० स० १८८७ ) में महाराज जालिमसिंहजी सहकारी मुसाहिब-आला बनाए गए; और राज-कार्य के सुभीते के लिये (१) राओ बहादुर मेहता विजयसिंह, (२) मुंशी हरदयालसिंह, (३) कविराज मुरारिदान, (४) जोशी आसकरन, सरदारों आदि के लड़कों की शिक्षा के लिये (पाउलेट) नोबल्स स्कूल की स्थापना की गई। १. इसी वर्ष गवर्नमेंट और जोधपुर-राज्य के बीच एक दूसरे के अपराधियों को एक दूसरे को सौंपने के विषय की संधि में सुधार कर जोधपुर-दरबार के अपराधियों को ब्रिटिश-भारत से लेने में ब्रिटिश-भारत में प्रचलित कानून के अनुसार कार्रवाई करना तय हुआ । ए कलैक्शन ऑफ़ ट्रीटीज़ ऐंगेजमैंट्स ऐण्ड सनद्स, भा० ३, पृ० १६६ । २. यह उत्सव जोधपुर में १७ फरवरी को मनाया गया था । ३. महाराज प्रतापसिंहजी वि० सं० १९४४ की चैत्र सुदि १ (ई० स० १८८७ की २५ मार्च) को यहां से रवाना हुए और भादों सुदि ७ ( २५ अगस्त ) को लौटकर वापस आए। इस यात्रा में राज्य के १,१०,००० रुपये खर्च हुए थे। इसी अवसर पर (वि० सं० १९४४ की प्राषाढ़ वदि ३० ई० स० १८८७ की २१ जून को) महाराज प्रतापसिंहजी को ब्रिटिश-फौज़ के 'ग्रॉनररी लेफ्टिनेंट कर्नल' का पद मिला, और साथ ही यह प्रिंस ऑफ वेल्स के ए. डी. सी. बनाए गए। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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