SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 232
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राव चन्द्रसेन और महाराणा प्रताप पर एक तुलनात्मक दृष्टि सिवाने के किले की, जो अजमेर के सूबे के किलों में निहायत मजबूत है, मरम्मत करके उसमें मुक़ाम कर लिया है। इस खबर के सुनने से बादशाह को रैयत पर रहम आया और उसने शाहकुलीखों मरहम, राव रायसिंह, शिमालखाँ ( जयमल मेड़ते वाले के लड़के) केशोदास, और (धनचन्द के लड़के) जगतराय को मय बहादुर तजुर्बेकार फ़ौज के उसकी चश्मनुमाई पर मुकर्रर किया । साथ ही यह नसीहत भी की कि अगर वह अपने किए हुए पर पछतावे, तो वे उसे शाही मेहरबानियों का उम्मेदवार बनावें ।" __ अकबरनामे में हिजरी सन् १७८ के चन्द्रसेनजी के उपर्युक्त उल्लेख के बाद पहले-पहल हिजरी सन् १८१ वाला यही उल्लेख मिलता है । ऐसी हालत में यदि वास्तव में अबुलफ़ज़ल के कथनानुसार नागोरे में चन्द्रसेनजी शाही इनायत हासिल कर चुके थे, तो फिर उनकी इस अकारण बगावत का क्या कारण उपस्थित हुआ ? इसके अलावा इतिहास में भी बादशाह की इनायत का कहीं कुछ भी विवरण नहीं मिलता है। अकबरनामे में आगे फिर लिखी है: "सन् १८८ हिजरी, जूलूस २५ में चन्द्रसेन ने बावजूद इसके कि बादशाही दरबार में हाज़िर हो चुका था, अपनी बदबस्ती से फिर बागावत इख़्तियार की, जैसा कि बयान कर चुके हैं।" परन्तु उक्त इतिहास में चन्द्रसेनजी के केवल नागोर में अकबर से मिलने के सिवाय ऐसी घटना का कहीं उल्लेख नहीं मिलता है । अतः यह घटना नागोर वाली घटना को ही दुहराती है। इसी प्रकार उसी अकबरनामे में महाराणा प्रताप के विषय में लिखा है: "वहाँ से बमुजिब हुक्म शाही ( मानसिंह मय अमीरों के ) उदयपुर पहुँचा । राणा ने पेशवाई करके शाही खिलअत बहुत अदब से पहना और मानसिंह को मेहमान करके अपने घर ले गया । बदजाती से माफ़ी माँगी । अमीरों ने मंजूर नहीं की । राना ने वादा करके मानसिंह को रुखसत किया और नरमी इख़्तियार की ।" १. अकबरनामा, भा० ३, पृ० ३१८ २. अकबरनामा, भा० ३, पृ० ४० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy