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14 बोल के बासठिये से संबंधित ज्ञातव्य
1. बासठिया
जीव के भेद-14, गुणस्थान-14, योग-15, उपयोग-12, लेश्या-6, इस प्रकार ये कुल 61 बोल जिस पर घटित किये जाते हैं, एक वह बोल इनमें मिलाने पर कुल 62 बोल हो जाते हैं, इसी प्रकार से इसे बासठिया के नाम से जाना जाता है। अन्य थोकड़ों में भी बासठिया का अर्थ इसी प्रकार समझना चाहिए।
2. जीव के भेद
पहले गुणस्थान में सभी संसारी जीव मिलने से 14 ही भेद लिये हैं। दूसरा गुणस्थान बेइन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चौरेन्द्रिय, असंज्ञी पंचेन्द्रिय इनके अपर्याप्त में मिलने की अपेक्षा से तथा संज्ञी पंचेन्द्रिय के अपर्याप्त में मिलने की अपेक्षा से 6 भेद लिये हैं। तीसरा गुणस्थान तथा पाँचवें से लेकर चौदहवाँ गुणस्थान, ये सभी मात्र संज्ञी पंचेन्द्रिय के पर्याप्त में ही मिलते हैं। चौथा गुणस्थान संज्ञी पंचेन्द्रिय के पर्याप्त व अपर्याप्त दानों में मिलने से जीव के ये दो भेद लिये हैं।
3. गुणस्थान
सभी गुणस्थानों में अपना-अपना ही गुणस्थान मिलता है, अतः सभी में अपना-अपना एक ही गुणस्थान लिया गया है।
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