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________________ [7] बड़े भाई 195 होता। वे लोग तो जिसे चाहे उसे मारते थे। जिसे चाहे उसे मारते थे। जब खुद का मनचाहा नहीं होता था, तब। ये तो किसी को भी हंटर मार देते थे। उसका क्या अर्थ है ? श्यामराव ने मेरे ब्रदर के दोस्त को भी मारा था। उससे उनका दिमाग़ घूम गया और फिर उन्होंने क्या शब्द कहे कि 'इस देश में इंसान की तरह जीने के बजाय इंगलैन्ड में कुत्ते की तरह जीना अच्छा है'। कम से कम स्वतंत्र देश तो है! इस गायकवाड़ सरकार के लिए मैं तैयार नहीं हूँ। इस सरकार का शासन! इसलिए यह वाक्य ढूँढ निकाला कि 'इंगलैन्ड का कुत्ता अच्छा, लेकिन यहाँ पर मनुष्य होना बुरा है', ऐसा कहा। ऐसा कह रहे थे वे। हालांकि वह माँग भी गलत थी। उससे क्या फायदा? कुत्ते की योनि में क्या फायदा? लेकिन उन्हें यह सब अच्छा नहीं लगा था। प्रश्नकर्ता : अच्छा नहीं लगा। दादाश्री : ऐसा नहीं होना चाहिए। कैसे सहन होता यह? लोगों को इस तरह से परेशान करते रहते थे तो वह उनसे सहन नहीं होता था। वे तो काट ही देते, और कुछ नहीं करते। बहुत सख्त इंसान थे। सूबेदार को भी डरा देते थे और घर बैठे चेक मँगवाते थे प्रश्नकर्ता : कहते हैं, मणि भाई तो सूबेदार (कलेक्टर) को भी सुना देते थे। दादाश्री : हमारे भादरण में अपने जेठा भाई नारण भाई करके एक सूबेदार थे, वे हमारे चचेरे भाई होते हैं। हमारी छठी पीढ़ी के चचेरे भाई थे, वे जेठा भाई। वे यहाँ अहमदाबादी मुहल्ले में अंतिम घर में रहते थे। वे यहाँ पर बड़ौदा पंचायत के प्रेसिडेन्ट थे। गवर्नमेन्ट ने उन्हें सूबेदार बना दिया। ब्रदर कॉन्ट्रैक्टर थे, तो वे बड़ौदा आकर कॉन्ट्रैक्ट का काम करते थे। काम कॉन्ट्रैक्ट का था न! तो उन्हें पंचायत में टेन्डर रखना था। उन्हें
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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