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________________ (5) कालापेचा बादर पुद्गलपरावर्तन-वीस कोडाकोड सागरोपमका एक कालचक्र होता है उन्हीका समय असंख्याते है एक कालचक्रके पेहला समयमें जीव जन्ममरण कीया फीर दुसरा कालचक्रके पेहला समयमें जन्ममरण करे वह गीनतीमें नहीं परंतु अन्य अस्पर्श समयके अन्दर जन्ममरण करे वह गीनतीमें आवे इसी माफीक जन्ममरण करते करते सम्पुरण कालचक्रके सर्व समयोंपर जन्ममरण करे उन्हीको कालापेक्षा बादर पुद्गलपरावर्तन केहते है। उन्हीमें भी काल अनन्त पुरण होते है। ___(6) कालापेक्षा सूक्ष्म पुद्गलपरावर्तन-पूर्वोक्त कालचक्रके प्रथम समय जन्ममरण कीया और दुसरे कालचक्रके दुसरे समय जन्ममरण करे तो गीनतीमें शेष समयमें जन्ममरण करे तो गीनतीमें नहीं इसी माफीक तीसरा कालचक्रका तीसरा समयमैं चोथा कालचक्रके चोथा समयमें एवं क्रमासर समयमें जन्ममरण करे तो गीनतीमें आवे किन्तु विचमें अन्य समयमें जन्ममरण करे तो सब भव गीनतीमें नहीं इसी माफीक सम्पुरण कालचक्रकों पुरण करदे उन्हीकों कालापेक्षा सूक्ष्म पुद्गलपरावर्तन केहते है बादरसे सूक्ष्मकों काल अनन्तगुणा लगता है। (7) भावापेक्षा बादर पुद्गलपरावर्तन-कर्मोके अनु
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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