SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 196
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [८२] (प्र०) सब केवली समु० करते हैं ? (उ०) सब केवली समु नहीं करते,अनन्ते केवली विना ही समु० किये जन्म, जरा मणके रोगको मिटा कर मोक्षमें गये है। . (प.) मोक्ष जाते समय कितने समयका आयुन करणा होता है ? (उ०) असंख्याता समयका होता है (१०) केवली समु० को कितना समय लगता है ? (उ०) आठ समय लगता है (१०) किस समय किम योग पर प्रयूनता है (प्रव्रते) ? पहिले समय-औदारिक काय योग ( दंड १४ रानलोक प्रमाण) दूसरे समय-औदारिक मिश्र काय योग (कपाट करे) तीसरे समय-कार्मण काय योग (मथन प्रदेश) चौथे समय- , , , (आंतरा पूरे) पांचवे समय- , , , (आंतरा संग्रह) छठे समय-औदारिक मिश्र काय योग (मथनसंग्रह) सातवें समय-, , , (कपाट संग्रह) आठवें समय औदारिक काय योग (दंड संग्रह) (१०) केवली समु० करता हुवा मोक्ष नावे ? (३०) नहीं नावे जिनके भायुष्यका छे महीना शेष रहनेपर केवल ज्ञान प्राप्त हुवा हो उनमेसे कोई केवली समु. करे कोई न करे।
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy