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________________ शीघ्रबोध भाग १ लो. । १० भुवनपति वोणव्यन्तर १ ७ हाथकी लाख जोजन जोतीषी पहला दुसरा देवलोक ३-४ था देवलोक ५-६ ठा , ५ हाथ ४ हाथ ९-१०-११-१२-दे. ३ हाथ नौग्रैवेयक २ हाथ ... ... ...| उत्तर वैक्रिय नहीं कर चार अनुत्तर विमान १ हाथ . सर्वार्थसिद्ध वि०१ हाथ उणो पृथ्वी, अप, तेउ, || आंगुलके अंस । ख्यातमो भाग | वायुकाय... ... ... आंगु० संख्या० भाग 11. जोजन-सा- | उत्तर वैक्रिय नहीं ... वनस्पतिकाय धिक (कमल) बे इंद्रिय १२ जोजन ते इंद्रिय ३ गाउ ४ गाउ तिर्यंच पंचेंद्रिय x | १.०० जोजन |९०० जोजन जलचर संज्ञी १००० जोजन . + नोट-उत्कृष्ट अवगाहनावाला उतर वैक्रिय करे नहि.
SR No.034231
Book TitleShighra Bodh Part 01 To 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukhsagar Gyan Pracharak Sabha
Publication Year1924
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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