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________________ लघुदंडक. . (२७) मनुष्य चलचर संझी ६ गाउ ९०० जोजन खेचर , प्रत्येक धनुष्य उरपरिसर्प , १००० जोजन भुजपरिसर्प , प्रत्येक गाउ जलचर असंही १००० जोजन वैक्रिय नहीं करे थलचर , प्रत्येक गाउ खेचर , प्र० धनुष्य उरपरिसर्प ,, प्र. जोजन भुजपरिसर्प , प्र. धनुष्य ३ गाउ | लाख जोजन झाझेरी असन्नी मनुष्य | आंगु० असं० भाग | उत्तर वैक्रिय करे नहि देवकुरु, उत्तरकुरु |३ गाउ हरिवास, रम्यकवास २ गाउ हेमवय, पेरण्यवय | १ गाउ ५६ अंतरद्वीप - ८०० धनुष्य महाविदेहक्षेत्र ५०० धनुष्य लाख जोजन साधिक *सुसमा सुसमारो लागते आरे ३ गाउ | उतरते २ गाउ सुसम दुजो आरो , १ गाउ सुसमा दुसमा तीजो, ,१ गाउ ,, ५०० धनुष्य दुसमा सुसमा चोथो, ५०० धनुष्य । ,, ७ हाथ दुसम पांचमो आरो,, ७ हाथ , १ हाथ दुसमा दुसमो छ8ो , १ हाथ , १ हाथ उणी २ गाउ
SR No.034231
Book TitleShighra Bodh Part 01 To 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukhsagar Gyan Pracharak Sabha
Publication Year1924
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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