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________________ चौमासी व्याख्यान ॥ विज्ञप्ति काठीयार्नु स्वरूप॥ F995卐555 अमो अप-टु-डेइट नवी मशीनरी नवा टाइप्रो सुंदर बोर्डरो जातजातना ब्लोको अने कुशळ कारीगरीना सहकारवाळा प्रेसमां संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, गुजराती के इंग्लीश गमे ते भाषाना मूळ ग्रंथो अथवा अनुवाद सहित अथवा नवा अनुवाद करी आपी प्रेसकळानी दृष्टिए सस्ता भावथी तमारं गमे तेवू नानुं मोटुं काम एक सरखी काळजीपूर्वक टाइमसर करी आपीए छीए. दृष्टिदोष सिवाय बनती काळजीए कोइपण जातनी अशुद्धिओ न रहेवा पामे ते खास ख्याल राखवामां आवे छे. कोइपण प्रथनुं गुफ संशोधन ए बहु जरुरी वस्तु छे, अने ते पण बहु ज कीफायत भावथी करी आपवामां आवे छे. वधु विगत माटे नीचेने सरनामे पूछावो. संघवी अमृतलाल मोहनलाल व्याकरणतीर्थ-वैयाकरण भूषण घोघागेट-भावनगर. 4yoy卐卐卐E卐. मुद्रकः-शाह गुलाबचंद लल्लुभाइ-श्री महोदय प्रीन्टींग प्रेस, दाणापीठ-भावनगर.
SR No.034170
Book TitleChaumasi Vyakhyan Bhashantar Tatha Ter Kathiyanu Swarup
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManivijay
PublisherJain Sangh Boru
Publication Year1936
Total Pages186
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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