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________________ • • आहार है | दुनिया के प्रायः सभी मुल्कों में शुद्ध शाकाहारियों ने अपना स्वास्थ्य उत्तम प्रकार से बनाये रखा है, जो इस बात का प्रतीक है कि संतुलित शाकाहार अमृत जैसा है । स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क, बफैलो - अमरीका में ४७००० से भी अधिक बच्चे हर वर्ष ऐसे जन्म लेते हैं, जिन्हें माता पिता के मांसाहारी होने के कारण कई बीमारियाँ जन्म से ही लगी होती है और ये बच्चे बड़े होने पर भी पूर्णतः स्वस्थ नहीं हो सकते । डॉ. माइकल एस. ब्राउन व. डॉ. जोसेफ एल. गोल्डस्टीन (अमरिका, नोबेल पुरस्कार विजेता) - हृदयरोग से बचाव के लिए कोलेस्टेरोल को जमने से रोकना अति आवश्यक है, यह तत्त्व वनस्पति में नहीं के बराबर होता है। मांस, अण्डों व जानवरों से प्राप्त वसा में यह काफी मात्रा में होता है । जो व्यक्ति मांस या अण्डे खाते है, उनके शरीर में रिस्पटरों की संख्या में कमी हो जाती है, जिससे रक्त के अंदर कोलस्टेरोल की मात्रा अधिक हो जाती है । इससे हृदयरोग, गुर्दे के रोग, एवं पथरी जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है । डॉ. एम. राँक (ब्रिटेन) - शाकाहारियों में संक्रामक एवं घातक बीमारियाँ मांसाहारियों की अपेक्षा कम पाई जाती है । वे मांसाहारियों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ, छरहरे बदन, शांत प्रकृति और चिन्तनशील होते है । (एक सर्वेक्षण के बाद प्रतिपादन) । डॉ. विलियम सी. राबर्टस - अमेरिका में मांसाहारी लोगों में दिल के मरीज़ ज्यादा है, उनके मुकाबले शाकाहारी लोगों में दिल के मरीज़ कम होते है । हेल्थ एज्यूकेशन काउंसिल - विषाक्त भोजन (Food poisoning) से होनेवाली ९०% मौतों का कारण मांसाहार है । प्रोफेसर एग्नरर्ग (जर्मनी) अण्डा ५१.८३% कफ पैदा करता है । वह शरीर के पोषक तत्त्वों को असंतुलित कर देता है । डॉ. ई.बी.एमारी (अमेरिका) तथा डॉ. इन्हा ( इंग्लेंड) अण्डा मनुष्य के लिये जहर है । (विश्व विख्यात पुस्तकों- 'पोषण का नवीनतम विज्ञान' एवं 'रोगियों की प्रकृति' में) १०९ -
SR No.034125
Book TitleArsh Vishva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyam
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar
Publication Year2018
Total Pages151
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size1 MB
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