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________________ मैं क्या कहूं श्रीमान, मिस्टर गोल्डबर्ग अभी तक फंसे हुए हैं। मैं फिर फोन करूंगा। आधा घंटे बाद : मिस्टर गोल्डबर्ग से बात कराएं। मुझे सख्त अफसोस है श्रीमानजी, लेकिन मिस्टर गोल्डबर्ग अभी तक फंसे हैं। मैं फिर फोन करूंगा। फिर और आधा घंटा बीत गया: मिस्टर गोल्डबर्ग। मेरे पास आपको देने कि लिए बुरी खबर है श्रीमान, मिस्टर गोल्डबर्ग अभी' तक फंसे हुए हैं। लेकिन देखिए यह कितना विचित्र है, इस तरह आप व्यापार का संचालन कैसे कर सकेंगे? एक पार्टनर पूरी सुबह बाहर गया हुआ है। और दूसरा घंटों कहीं फंसा हुआ है। वहां क्या हो रहा है? अच्छी बात है श्रीमान, देखिए, जब कभी भी मिस्टर कोहेन बाहर जाते हैं वे मिस्टर गोल्डबर्ग को बांध कर जाते हैं। तुम्हारे भीतर भी यही कुछ हो रहा है। जब कभी भी तुम अपनी आंखों के दवारा, हाथों के माध्यम से, यौनांगों द्वारा, कानों से बाहर की और गति करते हो, जब भी बहिर्गामी होते हो, सतत रूप से एक प्रकार का प्रतिबंध और बांधा जाना निर्मित होता रहता है। धीरे-धीरे तुम एक विशेष इंद्रिय के साथ बंध जाते हो, आंखें या कान, क्योंकि यही हैं जिनसे तुम बार-बार बाहर जाते हो। फिर धीरे-धीरे तुम उस ऊर्जा को भूल जाते हो जो बाहर जा रही है।
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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