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________________ सोवियत रूस में एक स्त्री है जिस पर वैज्ञानिक ढंग से खोज - बीन की गई है, वह किसी भी वस्तु को बीस फीट की दूरी से मात्र ऊर्जा द्वारा खींच लेती है। वह अपने हाथों को, बीस फूट दूर से, हिलाती है। जैसा कि तुमने किसी सम्मोहन कर्ता को हस्त संचालन करते देखा होगा। वह केवल रेखांकन मुद्राएं बनाती है। पंद्रह मिनट के भीतर ही चीजें उसकी और खिसकने लगती हैं। उसने उन्हें छुआ भी नहीं । यह जानने के लिए कि क्या होता है, काफी जांच-पड़ताल की गई और उस स्त्री का इस आधे घंटे के प्रयोग से कम से कम आधा पाउंड वजन कम हो जाता है। निश्चित रूप से वह किसी रूप में ऊर्जा गंवा रही है। यही है जिसे योग तन्मात्रा कहता है। साधारणत: जब तुम किसी चीज किसी पत्थर, किसी चट्टान को उठाते हो तो ऊर्जा का हाथों के माध्यम से उपयोग करते हो तुम इसे उठा कर चलते हो तुम उसी ऊर्जा को हाथों द्वारा उपयोग में लाते हो लेकिन अगर तुमने इस ऊर्जा को सीधे ही जाना है तो तुम हाथ का प्रयोग बंद कर सकते हो। वस्तु को वह ऊर्जा सीधे ही सरका सकती है टेलीपैथी, दूर-बोध का भी यही ढंग है- तुम लोगों के विचार सुन या पढ़ सकते हो या दूर-दूर के दृश्य देख सकते हो। - एक बार तुम तन्मात्रा को उस सूक्ष्म ऊर्जा को जान है, तो आंखों का उपयोग समाप्त किया जा सकता है। कार्य कर रही है, बल्कि ऊर्जा है तो तुम ज्ञानेंद्रिय से मुक्त हो। मैंने एक कहानी सुनी है, एक लड़के ने कोहेन और गोल्डबर्ग, थोक विक्रेता के यहां फोन किया । कृपया मेरी मिस्टर कोहेन से बात कराएं। मैं क्या कहूं श्रीमान, मिस्टर कोहेन बाहर गए हैं, स्विच बोर्ड आपरेटर लड़की ने कहा । तब मेरी मिस्टर गोल्डबर्ग से बात कराएं। दस मिनट बाद: लो, तो तुम्हारी आंखों द्वारा प्रयुक्त की जा रही एक बार तुम जान लो यह ज्ञानेंद्रिय नहीं है जो मैं क्या कहूं श्रीमान, मिस्टर गोल्डबर्ग तो इस समय फंसे हु हैं। ठीक है, मैं कुछ देर बाद फोन करूंगा। कृपया, मिस्टर गोल्डबर्ग को फोन दें।
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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