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________________ वह प्रत्येक प्रकार से श्रेष्ठ है, कायम रखना चाहता है। कोई पुरुष ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहता जो उससे लंबाई में ज्यादा हो । मूर्खतापूर्ण है यह सब क्या अर्थ है इसमें? उस स्त्री से विवाह क्यों नहीं करते जो तुमसे लंबी है? लेकिन पुरुष का अहंकार स्वयं से अधिक लंबी स्त्री के साथ घूमने-फिरने में आहत अनुभव करता है। हो सकता है यही कारण है कि इसीलिए स्त्रियां इतनी लंबी नहीं होतीं क्योंकि स्त्री के शरीर ने इस बात को सीख लिया है। उन्होंने उपाय सीख लिया है, क्योंकि उनको जरा सा छोटा ही बना रहना है, वरना उनको अपने लिए कभी कोई पुरुष नहीं मिल पाएगा। यही योग्यतम की उत्तरजीविता है। उनका समायोजन तभी हो पाएगा जब वे अधिक लंबी न हों। कोई बहुत लंबी स्त्री... जरा एक सात फीट लंबी स्त्री के बारे में सोचो उसे पति नहीं मिल पाएगा। वह बिना पति के ही मर जाएगी और वह बच्चों को जन्म भी नहीं देगी, वह खो जाएगी। एक स्त्री जो पांच फीट लंबी है, उसे पुरुष सरलता से मिल जाएगा। बची रहेगी वह उसका पति होगा, उसके बच्चे होंगे। निस्संदेह अधिक लंबी स्त्रियां धीरे-धीरे मिट जाएंगी, क्योंकि उनमें उत्तरजीविता की योग्यता नहीं होगी। यही कारण है कि धीरे-धीरे संसार से कुरूप स्त्रियां खो जाएंगी, क्योंकि वे बची नहीं रह सकतीं। संसार उनकी सहायता करता है जो बच सकते हैं, और जो बच नहीं सकते वे मिट जाते हैं। पुरुष और लंबा, और शक्तिशाली हो गया, क्योंकि वह हर ढंग से स्वयं को स्त्रियों से कुछ ऊंचा बनाए रखना चाहता है। वह सदैव हर चीज के शिखर पर रहना चाहता है। पश्चिम तक में, लोगों ने पूरब आकर वात्मायन के काम सूत्रों की जानकारी से पहले कभी सुना तक नहीं था कि स्त्री पुरुष के ऊपर होकर संभोग कर सकती है। पश्चिम इसको जानता ही नहीं था। और तुमको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि स्त्री के ऊपर से पुरुष द्वारा संभोग करते समय की मुद्रा को पूरब मिशनरी आसन कहा जाता है, क्योंकि पूरब ने इसे पहली बार ईसाई मिशनरियी के द्वारा जाना। यह मिशनरी आसन है पुरुष को हर तरह से शीर्ष पर होना चाहिए, संभोग करते समय भी । उसकी लंबाई अधिक होनी चाहिए, शिक्षा अधिक होना चाहिए। यदि तुम किसी ऐसी स्त्री से विवाह करने जा रहे हो जो पीएचडी है, तो यदि तुम पीएचडी नहीं हो तो तुमको थोड़ी सी बेचैनी अनुभव होगी। तुम्हें कम से कम डीलिट तो होना चाहिए, केवल तभी तुम पीएचडी. स्त्री से विवाह कर सकते हो। अन्यथा प्राकृतिक रूप से तो स्त्री को पुरुष से पांच वर्ष बड़ा होना चाहिए। और यह बिलकुल उचित व्यवस्था प्रतीत होती है, क्योंकि स्त्री को अधिक अनुभवी होना चाहिए। वह मां बनने जा रही है, न केवल अपने बच्चों की मां बल्कि अपने पति की भी मां बनने जा रही है। और पुरुष बचकाना बना रहता है। चाहे उसकी आयु जो भी हो, वह पुन बच्चा बनने को लालायित रहता है। वह सदैव थोड़ा सा किशोरवय बना रहता है। - अब संबोधि के साथ भी यही हो गया है - प्रकृति ठीक संतुलन बना कर रखती है। लेकिन यह सच है कि हमने बहुत सी सबुद्ध स्त्रियों के बारे में नहीं सुना हैं क्योंकि समाज पुरुषों का है। वे स्त्रीयों के - बारे में कोई खास अभिलेख नहीं रखते हैं। वे गौतम बुद्ध के बारे में बहुत कुछ अभिलेखित करते हैं, लेकिन वे सहजो के बारे में अधिक अभिलेखन नहीं करते। वे मोहम्मद के बारे में बहुत कुछ
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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