SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 372
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रथम विश्वयुद्ध ने मनोवैज्ञानिकों, जीववैज्ञानिकों के सम्मुख एक समस्या खड़ी कर दी। उनको विश्वास नहीं हो सका कि क्या हो गया है। युद्ध में अधिक पुरुष मरते हैं, लेकिन युद्ध के तुंरत बाद अधिक लड़कों का जन्म होता है और लड़कियों का जन्म कम होता है। पुन: संतुलन बना दिया जाता है। प्रथम विश्वयुद्ध में यही हुआ। इसका कारण उस समय जरा भी समझ में नहीं आया। यह बस एक रहस्य था। दवितीय विश्वयुदध में पन: यही हआ। यदध के बाद जन्म लेने वाले लड़कों की संख्या बढ़ गई। मरे हुए पुरुषों के स्थानापन्न के रूप में अधिक लड़कों का जन्म हुआ और कम लड़कियां जन्मी, क्योंकि वहां पहले से ही अधिक महिलाएं जीवित थीं। जब युद्ध समाप्त हो गया तो पुन: संतुलन उपलब्ध कर लिया गया, और लड़कों और लड़कियों की संख्या पुन: पुराने ढांचे पर वापस लौट आई-सौ लड़कियां और एक सौ पंद्रह लड़के-क्योंकि पंद्रह लड़के मर जाएंगे। लड़के लड़कियों की तुलना में कम ताकतवर होते है। स्त्रियों की तुलना में पुरुष पांच वर्ष कम जीवित रहते हैं। यही कारण है कि संसार में तुम्हें वृद्धों की तुलना में वृद्धाएं, विधुरों की तुलना में विधवाएं सदैव अधिक मिलेंगी। यदि स्त्री के लिए औसत आयु अस्सी वर्ष हो, तो पुरुष के लिए यह औसत पचहत्तर वर्ष है। यह पांच वर्ष अधिक है। लेकिन क्यों, स्त्रियां पांच वर्ष अधिक क्यों जीवित रहती हैं? यह भी कहीं न कहीं एक महत आंतरिक संतुलन प्रतीत होता है। स्त्री पुरुष की तुलना में स्वीकार करने में अधिक समर्थ होती है। यदि पुरुष की मृत्यु पहले हो जाती है, तो स्त्री रोकी, चिल्लाकी, दुखी होगी, किंतु इस तथ्य को स्वीकार करने में समर्थ रहेगी। वह पुन संतुलन प्राप्त कर लेगी। किंतु यदि स्त्री मर जाती है, तो पुरुष पुन: संतुलन नहीं पा सकता। संतुलन पा लेने का जो एकमात्र उपाय उसे पता है वह है पुन: विवाह कर लेना, पुन: एक अन्य स्त्री को पा लेना, वह अकेला नहीं जी सकता। स्त्री की तुलना में वह अधिक असहाय है। सामान्यत: सारे संसार में विवाह योग्य आयु अप्राकृतिक है। हर कहीं पुरुष ने एक व्यवस्था थोप दी जो अप्राकृतिक, प्रकृति के विपरीत है। यदि लड़की की आयु बीस वर्ष है तो हम सोचते हैं कि जो लड़का उसके साथ विवाह करने जा रहा है उसकी आय पच्चीस या छब्बीस वर्ष होनी चाहिए। इसे तो बिलकुल विपरीत हो जाना चाहिए, क्योंकि बाद में लड़कियां पांच वर्ष अधिक जीने वाली हैं। इसलिए यदि विवाह के लिए लड़कों की आयु बीस वर्ष हो तो लड़कियों की आयु सीमा पच्चीस वर्ष होनी चाहिए। प्रत्येक पुरुष को उस स्त्री से विवाह करना चाहिए जो आयु में उससे कम से कम पांच वर्ष बड़ी हो। तब संतुलन ठीक होगा। तब उनकी मृत्यु एक-दूसरे से लगभग छह माह के अंतराल पर होगी, और तब संसार में पीड़ाएं और कम हो जाएंगी। लेकिन ऐसा हो क्यों नहीं पाया है ?-क्योंकि विवाह कोई प्राकृतिक बात नहीं है। अन्यथा प्रकृति ने उसे इसी ढंग से व्यवस्थित कर लिया होता। यह पुरुष निर्मित संस्था है। और पुरुष, यदि वह किसी ऐसी स्त्री के साथ विवाह करने जाए जो आयु में बड़ी है, अधिक अनुभवी है, उसकी तुलना में अधिक जानकारी रखती है, तो उसे जरा कमजोरी अनुभव होती है। वह अपना पुरुष श्रेष्ठता का अहंकार, कि
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy