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________________ चले जाते हैं। यदि तुम उनसे कहो, तुम शरीर नहीं हो, वे सोचना शुरू कर देंगे कि वे मन हैं। फिर कुछ नहीं बदलता है, बस आदत का नाम बदल जाता है। यही मैं देखता हूं। यदि मैं किसी को कहूं धूम्रपान छोड़ दो, वह पान खाना आरंभ कर देता है। यदि मैं उसे पान खाना छोड़ने को कहूं वह च्यूइंगगम चबाना शुरू कर देता है। और यदि तुम उसे इससे भी रोक दो, वह बहुत अधिक बोलना आरंभ कर देता है, यह भी वही बात है। आरंभ में वह बस धूम्रपान कर रहा था, कम से कम वह स्वयं को ही नुकसान पहुंचा रहा था किसी और को नहीं। अब वह धूम्रपान नहीं कर सकता, इसलिए वह बहुत अधिक बोलता है; अब वह दूसरों की शांति और मौन को भी नष्ट कर रहा है। धूम्रपान करने वाला एक प्रकार से अच्छा है, वह अपने तक सीमित रहता है। स्त्रियां बहुत अधिक बातचीत किया करती हैं, एक बार वे धूम्रपान आरंभ कर दें, उनकी बातचीत कम हो जाती है। वस्तुत: तुमने भी ध्यान दिया होगा, जब कभी तुमको घबड़ाहट अनुभव होती है, तुम धूम्रपान आरंभ कर देते हो। यह धूम्रपान तो बस घबड़ाहट से बचने के लिए है। और यही तब भी होता है जब तुम बातचीत शुरू करते हो। तुमको घबड़ाहट अनुभव हो रही है, तुम स्वयं को किसी बात के द्वारा वहां से हटा देना चाहते हो। मैंने एक सुंदर कहानी सुनी है एक अठारह वर्षीय नवयुवक के क्रिया-कलापों से उसके माता-पिता बेहद चिंतित रहा करते थे। क्योंकि वह अपने सजीले वस्त्र पहनने के लिए अपने कमरे में घंटों व्यतीत कर देता था, उसे अपने जूते पॉलिश करने और अपने बाल संवारने में बहुत सारा समय लगता था,फिर वह सीधे रसोई घर में जाता और अपने बाएं कान पर गाजर का पौधा चिपका कर नृत्य करने के लिए डिस्को में चला जाता था। स्वाभाविक था कि उसके माता-पिता यह सब देख कर चिंतित हुए और उन्होंने उसको मनोचिकित्सक के पास जाने के लिए राजी कर लिया। वह मनोचिकित्सक के कार्यालय में दूल्हे की भांति सजा- धजा, अपने बाएं कान पर अजवाइन का पौधा लगा कर प्रविष्ट हआ। चिकित्सक ने कोमलता से बातें करते हुए उसे बताया कि उसके माता-पिता उसके तर में चिंतित है, और फिर उसने पूछा, आप अपने बाएं. कान में अजवाइन का पौधा क्यों लगा रखा है? क्या इसका कोई खास कारण है? लड़का थोड़ा आश्चर्यचकित दिखा और बोला, निःसंदेह कारण है। मम्मी के पास आज गाजरें नहीं थीं। अब यदि गाजर छोड़ दी जाए, तो अजवाइन......लेकिन लोग आदतें बदलते रहते हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि तुम गंदी आदत को अच्छी आदत में बदल सकते हो, और हर व्यक्ति प्रसन्न होगा, और प्रत्येक संतुष्ट हो जाएगा। लेकिन योग संतुष्ट नहीं होगा। तुम धूम्रपान छोड़
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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