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________________ विद्रोही हैं। वे हर बात से संघर्ष कर रहे थे, वे उस सभी के विरोध में थे जो हिंदू कहते हैं, और अंतिम क्षण में उनकी विचारधारा की हवाई इमारत ढह जाती है। जीवन आमतौर पर एक आदत, एक यांत्रिक आदत है और कुछ नहीं। जब तक कि तुम जागरूक न हो, जब तक कि तुम वास्तविक रूप से बोधपूर्ण न हो जाओ, इससे बाहर आ पाना दुष्कर होगा। मैंने एक जुआरी के बारे में सुना है एक पुराना जुआरी मर गया और उसका भूत कई सप्ताहों तक इधर-उधर उदास होकर घूमता रहा। यद्यपि वह स्वर्ग में प्रवेश का अधिकारी था, लेकिन उसने पाया कि वह इस स्थान से ऊब चुका हैन जुआ, न कोई जुआरी, तो स्वर्ग या बहिश्त में जाने का क्या उपयोग? आखिरकार उसने सेंट पीटर से पूछ ही लिया कि क्या वह बाहर जाकर अन्य स्थानों को एक बार देख सकता है? मुझे भय है कि यह असंभव है, सेंट पीटर ने कहा, यदि तम नीचे वहां चले गए तो तुमको पुन: प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। लेकिन मैं तो बस चारों ओर एक निगाह डालना चाहता हूं जुआरी के भूत ने कहा। अब सेंट पीटर उसे एक विशिष्ट पास जारी करने के लिए सहमत हो गए जिससे उसे चौबीस घंटे बाहर रहने की अनुमति मिल रही थी। बाहर निकल कर जुआरी ने नरक का एक चक्कर लगाया, और वह आया तो जो पहली चीज उसने देखी, वह थी उसके पुराने परिचितों का समूह पोकर खेल रहा था। लेकिन उन्होंने उसे अपने खेल में शामिल करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसके पास धन नहीं था। मैं इस मामले को जल्दी ठीक कर दूंगा, उसने कहा और वह बरामदे से नीचे उतर कर चला गया। दस मिनट बाद ही वह दस डालर के नोटों की गड्डियां दिखाता हुआ लौट आया। इतने सारे रुपये तुम्हें कहां से मिल गए? उनमें से एक ने पूछा। मैंने अपना पास बेच दिया है, जुआरी ने उत्तर दिया। आदतें बहुत कुछ कर सकती हैं, तुम स्वर्ग को भी इनकार कर सकते हो। आदत के प्रभाव में तुम करीब-करीब अचेतन और असहाय होते हो। यही कारण है कि योग का जोर तुम्हारी ग्रंथियों के प्रति अधिक जागरूकता लाने पर है। जितना अधिक तुम याद रख सकते हो याद रखी कि तुम शरीर नहीं हो। और एक बात और याद रखो, आदत को तोड़ना कठिन है, लेकिन यदि तुम इसके स्थान पर दूसरी आदत बना लो तो यह उतना कठिन नहीं है। और यह ऐसे ही हुआ करता है, लोग आदतों को बदलते
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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