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________________ होंगे, क्योंकि सूफी लोग तो संबद्ध पुरुषों को पागल कहते हैं। बल्कि वे तो मनोविश्लेषकों के ढंग से पागल रहे होंगे। वे मस्तिष्क रोगी हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा है -मैं तो उसे पढकर चकित रह गया और उन्हें धार्मिक समझा जाता है -उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा है कि 'बहुत से पश्चिम के लोग मुझसे कहते हैं कि उन्हें हिंदू बनना है, और मुझे उनसे कहना पड़ता है कि उन्हें हिंदू बनाना संभव नहीं है। हिंदू तो व्यक्ति जन्म से होता है, किसी को हिंदू बनाया नहीं जा सकता है।' ही, हिंदू तो जन्म लेता है –व्यक्ति को जन्मों – जन्मों तक उसे अर्जित करना होता है। अगर कोई आदमी कई-कई जन्मों तक अच्छे कर्म करता रहे, तब वह हिंदु के रूप में जन्म लेता है। किसी को भी हिंदू धर्म में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है -यह कोई ईसाई बन जाने जैसी सस्ती बात नहीं है। और यह धार्मिक आदमी पागल बाबा कहते हैं, 'मुझे उनको मना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें इसे अर्जित करने के लिए बहुत से जीवन लगाने होंगे –हिंदू होना तो भाग्य से मिलता है।' और पागल बाबा कहते हैं कि अगर किसी का हिंदू के रूप में जन्म हो जाए और वह अच्छे कर्म न करे, और धार्मिक कार्य न करे, तो उसे निम्न श्रेणी की मनुष्य जाति में जाना पड़ेगा। उदाहरण के लिए, तब वह शायद अमेरिकन बन जाए। और पूरी पुस्तक इसी तरह की व्यर्थ की बातों से भरी पड़ी है। और मजा तो यह है कि पागल बाबा ने अपनी पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए अमरीकी प्रकाशक, साइमन एंड सचस्टर भी खोज निकाला। जिसने उनकी यह पुस्तक प्रकाशित की है। ऐसे व्यक्ति धार्मिक नहीं होते। ऐसे लोग हिंदू धर्मांध लोग है, नासमझ हैं, मस्तिष्क से रुग्ण हैं। अगर व्यक्ति के पास मन है, तो वह धार्मिक नहीं हो सकता। फिर चाहे उसके पास कितना ही पवित्र मन हो, क्योंकि मन तो अधार्मिक ही रहता है, मन कभी भी अखंड नहीं हो सकता। इसे स्मरण रखना। एक रात मुल्ला नसरुददीन अपनी पत्नी से बोला, 'हमारे लिए थोड़ा पनीर ला दो, क्योंकि पनीर भख बढ़ाता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है।' पत्नी ने कहा, 'अपने पास तो पनीर खतम हो गया है।' मुल्ला बोला, 'यह तो बड़ी अच्छी बात है, क्योंकि पनीर दांतो और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है १।' पत्नी ने मुल्ला से पूछा, 'तब तुम्हारी कौन सी बात सच है?' मुल्ला ने जवाब दिया, 'अगर घर में पनीर है तो पहली बात, और पनीर नहीं है तो फिर दूसरी बात।' मन इसी ढंग से कार्य करता है। अगर कोई स्त्री मिल जाती है, तो तुम उससे प्रेम करते हो, अगर नहीं मिलती तो तुम घृणा करने लगते हो। अगर पनीर घर में मिल जाए तो पहली बात सच, अगर पनीर घर में न हो तो दूसरी बात सच हो जाती है।
SR No.034098
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages505
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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