SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ खतरनाक होगा। तुम फिर से संसार में छलांग लगा दोगे। यह सांसारिक लोगों के लिए है जिन्हें मैं झकझोर रहा हूं-'बुद्धत्व में छलांग लगा दो'–बुद्धों के लिए नहीं, जिन्होंने कि पा लिया है। उन्हें छलांग नहीं लगानी है। उन्हें बचना है हर छलांग से और छलांग लगाने के हर प्रलोभन से, वरना तो वे वापस कूद जाएंगे संसार में, और झंझट फिर से खड़ी हो जाएगी। ध्यान रहे, कल्पना के शिकार मत हो जाना। कल्पना बहुत चालें चल सकती है केवल तुम्हारे साथ ही नहीं, वह हर किसी के साथ चालें चलती है। जो कुछ भी तुम चाहो, वह तुम्हें वही प्रदान कर सकती है। ऐसा हुआ. मुल्ला नसरुद्दीन ने जहाज की नौकरी के लिए दरख्वास्त दी। उसका इंटरव्यू हुआ। जो आदमी इंटरव्यू ले रहा था, उसने पूछा, 'यदि तूफान आ जाए तो तुम क्या करोगे?' उसने कहा, 'मैं लंगर डाल दूंगा।' उस व्यक्ति ने कहा, ' और दूसरा तूफान आ जाए, पहले से भी तेज, तो तुम क्या करोगे?' उसने कहा, 'मैं दूसरा लंगर डाल दूंगा।' इसी तरह बातें बढ़ती गईं। 'दसवां तूफान।' और नसरुद्दीन ने कहा, 'मैं एक और लंगर डाल दूंगा।' उस व्यक्ति ने कहा, 'लेकिन इतने लंगर तम ला कहा से रहे हो?' उसने कहा, 'जहां से तुम तूफान ला रहे हो, वहीं से!' आज इतना ही।
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy