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________________ मालकियत का भाव रखते थे। उसने तुम्हें धोखा नहीं दिया है वह केवल अपने को बचाने की कोशिश कर रहा है। तुम बहुत मालकियत जमा रहे थे, तुम बहुत चिपके थे। हु तुम उसकी गर्दन को कस कर पकड़े हुए थे। तुम उसकी स्वतंत्रता की हत्या कर रहे थे। उसने तो केवल अपना जीवन बचाने की कोशिश की, तुमको धोखा नहीं दिया। वह किसी और स्त्री की तरफ आकर्षित हुआ होगा इस आशा में कि शायद कहीं और प्रेम का फूल खिल सके। लेकिन तुमने उसे मजबूर किया; और अब तुम कहते हो कि धोखा हुआ ! तुमने सारी परिस्थिति निर्मित की जिसमें यह बात घटी और अब तुम इसे धोखा कहते हो। जरा ध्यान देना, सजग होना, देखना कि क्यों ऐसा हुआ। अगर तुम इतना पीछे न पड़े होते, तो शायद वह न भागा होता। तुम्हारा पीछे पड़े रहना उसे पागल किए दे रहा था। या तुम्हारा पीछे पड़े रहना उसे संवेदनहीन बना रहा था। केवल दो ही ढंग हैं परेशान करने वाली पत्नी या परेशान करने वाले पति के साथ रहने के एक जो कि करीब-करीब सभी पति करते हैं, कि संवेदनहीन हो जाओ तुम घर में आते हो; तुम अपने को कठोर कर लेते हो। वह बड़बड़ाती रहती है, तुम परवाह ही नहीं करते। तुम अपना अखबार पढते रहते हो। वह क्या कह रही है, तुम सुनते ही नहीं । लेकिन तब तुम अपने को ही धोखा दे रहे हो, क्योंकि जितने ज्यादा तुम संवेदनहीन होते हो, उतने ही तुम कम प्रेमपूर्ण होओगे। जितने ज्यादा संवेदनहीन होते हो तुम, उतनी ही कम संभावना होती है प्रार्थना की, उतनी ही कम संभावना होती है जीवंत होने की तुम पहले से ही मुर्दा होते हो। तुम अपने प्राणों को ही धोखा दे रहे हो। बेहतर है स्त्री से दूर हट जाना - स्वयं को बचाने के लिए और उसे भी अवसर देना समझ पाने के लिए। तो दूसरा ढंग है - दूर हट जाना । यदि पति अपने को धोखा दिए जाता है, तो पत्नी कहती है कि वह बड़ा निष्ठावान है। वह धोखा दे रहा है अपने को और कोई जिम्मेवार नहीं हैं किसी दूसरे के जीवन के लिए तुम यहां अपने लिए हो; मैं यहां मेरे लिए हूं। यहां कोई किसी की अपेक्षाएं पूरी करने के लिए नहीं है। मुझे जीना है अपना जीवन; तुम्हें जीना है तुम्हारा जीवन यदि में विकसित होता हूं तुम्हारे साथ, यदि हम साथ-साथ विकसित हो सकते है– तो ठीक है, हम साथ-साथ रह सकते हैं। लेकिन यदि तुम मेरी हत्या करना शुरू कर दो और मैं तुम्हें जहर देने लग र तो बेहतर है कि हम अलग हो जाएं क्योंकि अलग होना दो जीवन बचा लेगा, दो कैदियों को मुक्त कर देगा। यह कोई धोखा नहीं है। धोखा एक ही है. और वह है अपने को धोखा देना। और कोई धोखा नहीं है। यदि तुम परेशान करने वाली, मालकियत जमाने वाली पत्नी के साथ या पति के साथ बिना किसी प्रेम के रहना जारी रखते हो, तो तुम अपनी ही संभावना को नष्ट कर रहे हो।
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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