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________________ पर। तुम दिखा रहे हो कि वह स्त्री वहां नहीं है। लेकिन स्त्री तो है और इसीलिए तुम राम नाम का जप कर रहे हो इतनी जोर से। भारत में, लोगों को प्रात: स्नान करना पड़ता है। मेरे गांव में एक बहुत सुंदर झील है, नदी, और लोग जाते हैं प्रात: स्नान करने को। वहां, बचपन में, पहली बार मैं जाग्रत हुआ दमन की चालाकी के बारे में। नदी का पानी बहुत ठंडा होता था, खासकर सर्दियों में जब लोग जाते थे स्नान करने के लिए। मैं उन्हें देखता था गर्मियों में स्नान करते हुए भी, और वे नहीं जप करते थे-हरे राम, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण। सर्दियों में, क्योंकि नदी इतनी ठंडी होती थी और वे इतनी जोर से जप करते थे कि वे भूल जाते थे नदी को। वे एक डुबकी लगाते और बाहर आ जाते। उनका मन संलग्न होता था जप करने में। सुबह जितनी ज्यादा ठंडी होती, उतना ही ज्यादा तीव्र होता ईश्वर का जप। अपने बचपन में, उन लोगों को देखते हुए पहली बार मैं सजग हुआ इस चालाकी के बारे में, कि वे क्या कर रहे होते थे इस बारे में। मैं देखता उन्हीं लोगों को गर्मियों में स्नान करते हुए और वे फिक्र नहीं लेते थे राम की, हरि की, कृष्ण की, या किसी की भी। तो फिर क्या सर्दियों में अकस्मात ही वे बन गए होते थे धार्मिक? वे तथ्य से बचने की चालाकी जान गए थे, और वहां तथ्य होता था खटखटाता, आवाज करता और जीता जागता। वे अपने मन को मोड़ लेते थे कहीं दूसरी ओर। क्या तुमने देखा है रात को लोगों को सुनसान सड़क पर जाते हुए जब कि अंधेरा होता है? वे गीत गाना शुरू कर देते हैं, या कि सीटी बजाना, या कि गुनगुनाना। क्या कर रहे होते हैं वे? –वही चालाकी। गुनगुनाते हुए भूल जाते हैं अंधकार को। जोर से गाना गाते हुए, वे सुनते हैं उनकी अपनी आवाज और अनभव करते हैं कि वे अकेले नहीं हैं। आवाज एक अनभति दे देती है कि वे अकेले नहीं हैं। उनकी अपनी आवाज से घिरने पर, अंधकार तिरोहित हो जाता है उनके लिए। अन्यथा, यदि रात को वे चुपचाप चलते हैं सुनसान सड़क पर, तो उनकी अपनी पगध्वनियां निर्मित करती हैं भय, जैसे कि कोई पीछा कर रहा हो। यह तो एक सीधी तरकीब हुई। महावीर और बु नहीं बता सकते और नहीं सिखा सकते ऐसे धोखे। वे सिखाते हैं उपवास के बारे में, लेकिन उनका उपवास समग्र रूप से, गुणात्मक रूप से भिन्न होता है। सतह पर, दोनों उपवास करने वाले एक से ही होंगे, लेकिन गहरे-तल पर भेद अस्तित्व रखता है। गहरे रूप से जो व्यक्ति बुद्ध या महावीर का अनुसरण कर रहा होता है वह उपवास करेगा और कोई क्रियाकलाप नहीं चलाएगा मन में। वह देखेगा और पूरा ध्यान देगा भूख पर। और फिर उदित होती है बहुत-बहुत सुंदर घटना : यदि तुम भूख पर ध्यान दो तो वह तिरोहित हो जाती है। बिना किसी भोजन के वह तिरोहित हो जाती है। क्यों? क्या घटता है भख पर ध्यान देने से?
SR No.034096
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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