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________________ एक-रस लगता है। ऐसा है क्योंकि जो मैं कहता हूं एक स्वर ही होता है। मैं गा रहा हूं एक ही स्वर लाखों-लाखों ढंग से। पतंजलि, जीसस, बुद्ध, तो बस बहाने हैं। .मैं गा रहा हूं एक ही स्वर, वह एकरस है। यदि तुम अनुभव करते कि वह एकरस है और तुम थोड़ी ऊब अनुभव करते हो या कि तुम उसे समझ ही नहीं सकते, यह तुम्हारे लिए बहत ज्यादा हो जाता है, या फिर वह तुम्हारे सिर के ऊपर से ही गुजर जाता है, फिर तुम नींद अनुभव करने लगते हो, लेकिन वह नींद अच्छी नहीं होती। तब कोई जरूरत नहीं होती मुझे सुनने के लिए यहां आने की; क्योंकि वस्तुत: तुम सुन नहीं रहे होते, तुम सोए हए होते हो। तो क्यों आना यहां शारीरिक रूप से भी? -कोई जरूरत नहीं। एक तीसरा प्रकार भी होता है। तुम यदि दूसरे प्रकार के हो, तो तुम्हें सचमुच इस बारे में अपराधी अनुभव करना चाहिए और जब मुझे सुन रहे होते हो तो सजग रहने का ज्यादा प्रयास करना। तो संभव होता है कि पहला प्रकार घट जाए। फिर होता है तीसरा प्रकार जो कि न तो संबंधित होता है सुनने से और न संबंधित होता है तुम्हारे अस्तित्व की ऊबपूर्ण स्थिति से। वह आता है तुम्हारे शरीर से। शायद तुम रात को ठीक से नहीं सो सकते होओगे। बहुत थोड़े लोग ठीक से सोते हैं। जब तुम रात को ठीक से नहीं सोए होते तो तुम कुछ थके – थके होते हो। तुम्हें नींद की भूख होती है और यहां एक मुद्रा में फिर-फिर एक ही व्यक्ति के साथ बैठने से एक ही आवाज बार-बार सुनते हुए, तुम्हारा शरीर उनींदापन अनुभव करने लगता है, जो कि आता है तुम्हारे शरीर से। यदि वैसी होती है स्थिति तो कुछ कर लेना अपनी नींद का। उसे ज्यादा गहरा बनाना होगा। समय की कोई ज्यादा समस्या नहीं-तुम सो सकते हो आठ घंटे, और यदि वह सोना गहरा नहीं होता तो तुम भूख अनुभव करोगे-नींद के लिए भूखे हो जाओगे-समस्या गहराई की ही है। हर रात सोने के पहले तुम एक छोटी-सी विधि का प्रयोग कर सकते हो जो कि जबर्दस्त मदद देगी। बिजली बझा दो: अपने बिस्तर में बैठ जाओ, सोने के लिए तैयार होकर, लेकिन बैठना पंद्रह मिनट के लिए ही। आंखें बंद कर लेना। फिर शुरू कर देना कोई भी एकरस निरर्थक ध्वनि, उदाहरण के लिए : ला, ला, ला-और मन की प्रतीक्षा करना कि वह नयी ध्वनियां भेजे। एकमात्र बात जो ध्यान में रखने की है वह यही कि वे ध्वनियां या शब्द किसी उस भाषा के नहीं होने चाहिए जिसे कि तुम जानते हो। यदि तुम जानते हो अंग्रेजी, जर्मन और इतालवी, तब वे इतालवी, जर्मन, अंग्रेजी के नहीं होने चाहिए। कोई दूसरी भाषा जिसे तुम नहीं जानते स्वीकार करनी होती है-तिब्बती, चीनी, जापानी। लेकिन यदि तुम्हें जापानी आती है, तो गुंजाइश नहीं होती, तब इतालवी सबसे अच्छी होती है। कोई वह भाषा बोलो जिसे तुम नहीं जानते। केवल पहले दिन थोड़ी देर को तुम कठिनाई में पड़ोगे, क्योंकि कैसे तुम वह भाषा बोलोगे जो तुम नहीं जानते? वह बोली जा सकती है और एक बार वे शुरू होती हैं, कोई भी ध्वनियां बेतुके शब्द तो चेतना को बिलकुल बहा देने की और अचेतन को बोलने देने की बात घटेगी।
SR No.034096
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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