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________________ उस पति को। तुम्हें चाहिए ही थी यह मुसीबत, इस तरह की मुसीबत। यह तुम्हारा चुनाव है। अगर तुम्हारी पत्नी तुम्हारे लिए नरक बना रही है तो याद कर लेना कि तुमने चुना है इस पत्नी को। किसी ने मुल्ला नसरुद्दीन से पूछा, 'तुम्हारी पत्नी से तुम्हारी पहचान कैसे हुई? किसने तुम्हारा परिचय कराया? 'वह बोला, 'बस, यह हो गया। मैं किसी को दोष नहीं दे सकता।' कोई किसी को दोष नहीं दे सकता। और यह मात्र घटना नहीं है, यह चुनाव है। एक खास तरह का पुरुष एक खास तरह की सी को चुन लेता है। यह संयोग नहीं है। वह उसे खास कारणों से चुनता है। अगर यह सी मर जाये, तो फिर वह उसी प्रकार की सी चुनेगा। अगर वह इस सी को तलाक दे दे, तो फिर वह इसी प्रकार की सी चुनेगा। एक व्यक्ति पत्नियों को बदलता जा सकता है, लेकिन जब तक वह स्वयं नहीं बदलता, कोई वास्तविक परिवर्तन हो नहीं सकता। केवल नाम बदलते हैं। एक व्यक्ति चुनाव बनाता है। वह विशिष्ट चेहरा पसंद करता है, उसे विशिष्ट नाक पसंद होती है,वह विशिष्ट आंखें पसंद करता है, उसे एक व्यवहार पसंद होता है। यह एक जटिल बात है। तुम एक विशेष प्रकार की नाक पसंद करते हो, लेकिन नाक मात्र नाक ही नहीं है। वह क्रोध वहन करती है, वह अहंता पास रखे है, वह मौन पहुंचाती है, वह शांति पहुंचाती है, वह बहुत सारी चीजों को साथ लिये हुए है। अगर तुम एक खास तरह की नाक पसंद करते हो, तो तुम शायद उस व्यक्ति को पसंद कर रहे होओ जो तुम्हें क्रोधी होने को विवश कर सकता हो। एक अहंकारी व्यक्ति की अलग प्रकार की नाक होती है। वह तुम्हें सुंदर भी लग सकता है, लेकिन यह सुंदर लगता है केवल इस कारण कि तुम उस किसी की खोज में हो जो तुम्हारे चारों ओर नरक बना सके। देर-अबेर नरक / आयेगा। शायद तुम इसे संबंधित न कर पाओ, तुम इसे जोड़ न सको। जीवन जटिल है, और तुम इसमें इतने उलझे हुए होते कि तुम उसे जोड़ नहीं सकते। तुम केवल तभी देख पाओगे जब तुम इसके पार चले जाते हो। यह बिलकुल उसी तरह है जब तुम हवाई जहाज में उड़ रहे होते हो बंबई के ऊपर। सारी बंबई देखी जा सकती है-उसका सारा नक्शा | लेकिन यदि तुम बंबई में रह रहे होते हो और सड़कों पर चलते हो, तो तुम सारे ढांचे को नहीं देख सकते। बंबई का सारा नक्शा-ढांचा उन व्यक्तियों द्वारा नहीं देखा जा सकता जो बंबई में रहते हैं। यह केवल उन्हें दिख सकता है जो उसके ऊपर सें। तब सारा ढांचा दिखाई देता है। तब चीजें ढांचे में दिखती हैं। अतिक्रमण का अर्थ है, मानवीय समस्याओं के पार चले जाना। तब तुम उनमें प्रवेश कर सकते हो और उन्हें देख सकते हो। __ मैंने बहुत-बहुत लोगों के भीतर झांका है। जो कुछ वे करते हैं, वे सजग नहीं होते कि वे क्या कर रहे हैं। वे सजग होते हैं केवल जब परिणाम चले आते हैं। वे मिट्टी में बीज गिराते जाते
SR No.034095
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages467
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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